छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 सूरजपुर // छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या की जघन्य वारदात ने इलाके में सनसनी फैला दी है। यह घटना महगवां बाइपास रिंग रोड पर स्थित किराए के मकान में हुई, जहां प्रधान आरक्षक तालिब शेख अपनी पत्नी मेहनाज (36) और बेटी आलिया (14) के साथ रहते थे। तालिब शेख वर्तमान में सूरजपुर कोतवाली में ड्यूटी कर रहे थे। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रविवार, 13 अक्टूबर की रात करीब एक बजे तालिब शेख अपनी ड्यूटी खत्म कर घर लौटे। जब उन्होंने घर का दरवाजा खोला, तो बाहर खून के घसीटने के निशान देख उनके होश उड़ गए। घर के भीतर जाकर उन्होंने पाया कि उनकी पत्नी और बेटी गायब हैं, जबकि किचन में सामान बिखरा हुआ था। तालिब ने तुरंत पुलिस को सूचित किया।
7 KM दूर एक गड्ढे में पड़े हुए थे शव
पुलिस की जांच में पाया गया कि दोनों शव करीब 7 किलोमीटर दूर एक गड्ढे में पड़े हुए थे। सुबह करीब नौ बजे पुलिस टीम ने पीढ़ा और जूर मार्ग के किनारे शवों को बरामद किया। एक गड्ढे में पत्नी का और दूसरे में बेटी का शव मिला, दोनों की धारदार हथियार से हत्या की गई थी। पुलिस ने घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड को बुलाया है। पूरे मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। स्थानीय पुलिस अधीक्षक एमआर आहिरे ने भी घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।
हत्या की साजिश का संदेह
इस मामले में पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है और प्रधान आरक्षक तालिब शेख से पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि हत्यारे ने घटनास्थल की रेकी की थी। उन्हें पता था कि तालिब शेख देर रात घर लौटेगा और उसके परिवार का घर में अकेला होना उनके लिए अनुकूल था। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि घटना के वक्त प्रधान आरक्षक के पड़ोस में रहने वाले एक कबाड़ी के खिलाफ एक पुलिसकर्मी से विवाद हुआ था। यह विवाद उस कबाड़ी द्वारा गर्म तेल उड़ेलने के कारण हुआ था, जिससे वह पुलिसकर्मी गंभीर रूप से झुलस गया था। इस विवाद के चलते यह आशंका जताई जा रही है कि हत्यारे इसी कबाड़ी के साथी हो सकते हैं।
आक्रोशित लोगों ने दिया धरना
इस घटना ने पूरे सूरजपुर जिले में आक्रोश पैदा कर दिया है। बड़ी संख्या में नागरिकों ने कोतवाली के बाहर धरना दिया है और नगर बंद का आह्वान किया है। लोगों का गुस्सा इस घटना के प्रति स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। नागरिकों ने मांग की है कि हत्या में शामिल व्यक्तियों को फांसी दी जाए। पुलिस ने इस मामले में एक कबाड़ी को मुख्य संदिग्ध माना है, जो पूर्व में जिला बदर हो चुका है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर छापेमारी की है।
पुलिस के कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह
इस नृशंस हत्या की वारदात ने न केवल सूरजपुर बल्कि पूरे प्रदेश में सुरक्षा के प्रति गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न उठाए हैं। जब तक मुख्य संदिग्ध को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक स्थानीय नागरिकों में असुरक्षा की भावना बनी रहेगी। पुलिस की जांच जारी है और पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है।