Breaking
Fri. Oct 11th, 2024

Aadhaar E-KYC Transaction: तीसरी तिमाही में आधार ई-केवाइसी ट्रांजैक्शन 18 फीसदी बढ़ा, दिसंबर में 32.49 करोड़ लेनदेन

खबर शेयर करें..

राष्ट्रीय खबर डेस्क खबर 24×7 नई दिल्ली // आधार समर्थित ई-केवाईसी को अपनाने में निरंतर प्रगति देखी जा रही है और वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर- दिसंबर तिमाही (क्यू3) में आधार का उपयोग करके 84.8 करोड़ से अधिक ई-केवाईसी लेनदेन निष्पादित किए गए, जो कि (जुलाई-सितंबर) चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही के मुकाबले 18.53 प्रतिशत की वृद्धि है।

विज्ञापन..

अकेले दिसंबर में आधार का उपयोग करते हुए 32.49 करोड़ ई-केवाईसी लेनदेन किए गए, जो पिछले महीने की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। आधार समर्थित ई-केवाईसी सेवा तेजी से बैंकिंग और गैर- बैंकिंग वित्तीय सेवाओं के लिए पारदर्शी एवं बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ कारोबारी सुगमता के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

सोशल मिडिया से जुड़ने क्लिक करें..

अक्टूबर में, आधार ई केवाईसी लेनदेन की संख्या 23.56 करोड़ थी और नवंबर में इस तरह के लेनदेन 28.75 करोड़ हो गए, साथ ही, दिसंबर में इसमें और भी वृद्धि दर्ज की गई, जो अर्थव्यवस्था में इसके बढ़ते इस्तेमाल और उपयोगिता को दर्शाता है। 105 बैंकों सहित 169 संस्थाएं ई-केवाईसी पर लाइव हैं। ई-केवाईसी को अपनाने से वित्तीय संस्थानों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और अन्य संस्थाओं की ग्राहक अधिग्रहण लागत में भी काफी कमी आई है।

आप भी यहाँ अपना विज्ञापन दे..width="550" height="275"

दिसंबर 2022 के अंत तक, अब तक आधार ई-केवाईसी लेनदेन की संख्या कुल मिलाकर 1382.73 करोड़ हो गई है। आधार धारक की स्पष्ट सहमति के बाद ही ई- केवाईसी लेनदेन निष्पादित किया जाता है और भौतिक कागजी कार्रवाई एवं केवाईसी के लिए व्यक्तिगत रूप से सत्यापन की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।

इसी तरह, लोगों द्वारा भी आधार समर्थित लेनदेन को अधिक से अधिक अपनाया जा रहा है और उसका इस्तेमाल भी किया जा रहा है। अकेले दिसंबर के महीने में, 208.47 करोड़ आधार समर्थित लेनदेन किए गए, जो पिछले महीने की तुलना में लगभग 6.7 प्रतिशत अधिक है।

इनमें से अधिकांश मासिक प्रमाणीकरण बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट का उपयोग करके किए गए, इसके बाद जनसांख्यिकीय और ओटीपी प्रमाणीकरण से किए गए।

अब तक, कुल मिलाकर लगभग 8829.66 करोड़ आधार समर्थित लेनदेन दिसंबर 2022 के अंत तक निष्पादित किए गए हैं। इससे आधार का वित्तीय समावेशन, कल्याणकारी वितरण और कई अन्य सेवाओं का लाभ उठाने में बढ़ती भूमिका निभा का पता चलता है।

आधार सुशासन का एक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के डिजिटल भारत के दृष्टिकोण के साथ-साथ देशवासियों के जीवन को आसान बनाने के सपने को साकार करने में मुख्य भूमिका निभाता है, चाहे वह पहचान सत्यापन के लिए ई-केवाईसी हो, प्रत्यक्ष धन हस्तांतरण के लिए आधार सक्षम डीबीटी, अंतिम दूरी तक बैंकिंग के लिए एईपीएस या प्रमाणीकरण का मसला हो।

केंद्र और राज्यों दोनों द्वारा देश में संचालित 1100 से अधिक सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए आधार के उपयोग को अधिसूचित किया गया है। डिजिटल आईडी से केंद्र और राज्यों के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों को लक्षित लाभार्थियों के लिए कल्याणकारी सेवाओं की दक्षता, पारदर्शिता और वितरण में सुधार करने में मदद मिल रही है।

आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) उन लोगों के लिए वित्तीय समावेशन को सक्षम कर रही है, जो आय पिरामिड में सबसे नीचे हैं। दिसंबर 2022 के अंत तक, एईपीएस और माइक्रो-एटीएम के नेटवर्क के माध्यम से संचयी रूप से 1610.44 करोड़ दूरस्थ बैंकिंग लेनदेन संभव हो गए हैं।

pyurifir
Green tea

खबर शेयर करें..

Related Post

error: आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !!