पारिजात फूल (हरसिंगार) के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें..
रात्रि में खिलना (Night Blooming)
पारिजात के फूल केवल रात में खिलते हैं और सुबह होते-होते अपने आप पेड़ से टूटकर गिर जाते हैं। इसी विशेषता के कारण इसे 'रात की रानी' या 'नाइट जैस्मिन' भी कहते हैं।
तीव्र सुगंध(Strong Fragrance)
इसके छोटे, सफेद और नारंगी डंठल वाले फूल बहुत अधिक सुगंधित होते हैं। इनकी मनमोहक सुगंध तनाव को कम करने और मस्तिष्क को शांत करने में सहायक मानी जाती है।
वास्तु महत्व(Architectural significance)
वास्तुशास्त्र के अनुसार, पारिजात का पौधा घर में लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में लगाने की सलाह दी जाती है, जिससे सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
पूजा में उपयोग(Use in worship)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा-पाठ में केवल उन्हीं फूलों का प्रयोग किया जाता है जो अपने आप पेड़ से टूटकर जमीन पर गिरे होते हैं, पेड़ से तोड़ना वर्जित माना जाता है।
देवी लक्ष्मी को प्रिय(dear to Goddess Lakshmi)
मान्यता है कि पारिजात के फूल माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय होते हैं। इसलिए इसे घर में लगाने से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
औषधीय गुण(Medicinal properties)
पारिजात के पत्ते, फूल और छाल में औषधीय गुण होते हैं। इसके पत्तों का काढ़ा विशेष रूप से गठिया (अर्थराइटिस) और बुखार के उपचार में लाभकारी माना जाता है।
बीज या कटिंग से उगाना(Growing from seeds or cuttings)
पारिजात के पौधे को बीज या कटिंग (कलम) दोनों से उगाया जा सकता है। कटिंग से उगाए गए पौधों में जल्दी फूल आने की संभावना होती है (लगभग 6 माह से 1 वर्ष में)।
देखभाल के टिप्स(Care Tips)
इस पौधे को पर्याप्त धूप (कम से कम 4-6 घंटे) की आवश्यकता होती है। अच्छी फ्लावरिंग के लिए समय-समय पर जैविक खाद (जैसे कंपोस्ट) देना और हल्की छंटाई (प्रूनिंग) करना फायदेमंद होता है।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश(Destruction of negative energy)
माना जाता है कि पारिजात का पौधा जिस घर या आंगन में होता है, वहाँ नकारात्मक शक्तियों का वास नहीं होता और शांति का माहौल बना रहता है।
दक्षिण दिशा में न लगाएं(Do not plant in the south direction)
वास्तु के अनुसार, पारिजात के पौधे को घर की दक्षिण दिशा में लगाना शुभ नहीं माना जाता है। इसे उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में ही लगाएं।