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छत्तीसगढ़ का पहला सैनिक स्कूल जहां तैयार होगी फीमेल कैडेट्स

छत्तीसगढ़ का पहला सैनिक स्कूल जहां तैयार होगी फीमेल कैडेट्स
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रायपुर। महाराष्ट्र की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ में भी सैनिक स्कूलों का जाल बिछेगा। राज्य में अंबिकापुर के एकमात्र सैनिक स्कूल के अलावा, अब केंद्र सरकार की ‘साझेदारी मोड’ योजना के तहत नए सैनिक स्कूल खोलने की शुरुआत हो चुकी है। रायपुर स्थित कार्डिनल वॉरियर्स प्राइवेट मिलिट्री स्कूल इस दिशा में पहल करने वाला पहला संस्थान बन गया है, जिसे केंद्र की टीम से मान्यता मिलने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

‘कार्डिनल वॉरियर्स’ में शुरू हुई सैनिक स्कूल की तर्ज पर पढ़ाई

रायपुर के निमोरा, माना स्थित ‘कार्डिनल वॉरियर्स’ में सैनिक स्कूल के पाठ्यक्रम और अनुशासन के अनुरूप पढ़ाई शुरू हो गई है। वर्तमान में यहाँ लगभग 200 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें 60 लड़कियां शामिल हैं। यह पहल न केवल प्रदेश के युवाओं को सेना और रक्षा सेवाओं में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि लड़कियों के लिए भी सशस्त्र बलों में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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स्कूल के निदेशक सेवानिवृत्त मेजर प्रवीण सिंह के मार्गदर्शन में, यहां छात्रों को अकादमिक उत्कृष्टता के साथ-साथ ‘जोश और होश’ के सिद्धांत पर सैन्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह स्कूल सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध है और यहां सैन्य जीवन के तमाम गुणों को बच्चों के दैनिक प्रशिक्षण का हिस्सा बनाया गया है।छत्तीसगढ़ का पहला सैनिक स्कूल जहां तैयार होगी फीमेल कैडेट्स

केंद्र की ‘100 सैनिक स्कूल’ पहल का हिस्सा

यह विस्तार केंद्र सरकार की उस महत्वकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसके तहत पूरे देश में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत मौजूदा प्रतिष्ठित निजी/सरकारी स्कूलों के साथ साझेदारी करके उन्हें सैनिक स्कूल की तरह चलाया जा रहा है। इस योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि अब इन नए सैनिक स्कूलों में लड़कियों को भी पढ़ाया जाएगा, जिससे रक्षा क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी।

अंबिकापुर है एकमात्र सोसायटी संचालित सैनिक स्कूल

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में अभी तक एकमात्र सैनिक स्कूल अंबिकापुर में है, जिसका संचालन सीधे सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा किया जाता है। अंबिकापुर सैनिक स्कूल देश का 23वां सैनिक स्कूल है, जो वर्षों से छत्तीसगढ़ के छात्रों को सेना में अधिकारी बनने के लिए तैयार कर रहा है।

रायपुर के ‘कार्डिनल वॉरियर्स’ जैसे निजी स्कूलों को मंजूरी मिलने से अब राज्य के अन्य जिलों में भी इसी तर्ज पर सैनिक स्कूल खुलने की राह आसान हो गई है। उम्मीद है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के अन्य जिले भी इस ‘साझेदारी मोड’ योजना के तहत नए सैनिक स्कूल खोलेंगे, जिससे राज्य के युवाओं को रक्षा सेवाओं में करियर बनाने के अधिक अवसर प्राप्त होंगे।

यह है सैनिक स्कूल

1. राष्ट्रीय इंडियन मिलेट्री कॉलेज(आरआईएमसी

देश का यह इकलौता स्कूल देहरादून में है। इसमें साल में दो बार एक जनवरी और दूसरा जुलाई में परीक्षा होती है। हर स्टेट से एक ही सीट होती है इसमें पढऩे के बाद सीटे एनडीए में जाते है।

2.सैनिक स्कूल

पूरे देश में 36 सैनिक स्कूल है जिसे सैनिक स्कूल सोसायटी चलाती है। यह स्टेट और सेंट्रल की साझेदारी से चलता है। अंबिकापुर में यही स्कूल है।

3. मिलेट्री स्कूल

यह पूरे देश में 5 स्कूल है इसे रक्षा मंत्रालय द्वारा चलाया जाता है।

4. प्राइवेट सैनिक स्कूल

महाराष्ट्र में 33 प्राइवेट सैनिक स्कूल संचालित हो रहे है, जिसमें पुणे और नासिक का स्कूल लड़कियों का है।

हर सेक्टर में होती है ग्रूमिंग

सैनिक स्कूल और सामान्य स्कूलों में यहीं अंतर होता है कि सैनिक स्कूल बच्चे को मेंटल ग्रूमिंग के साथ ही हर सेक्टर में ग्रूम करता है, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास आता है कि वे भी हर वो काम कर सकते है जो सामान्य लोगों को असंभव सा लगता था। प्राइवेट सैनिक स्कूल में एडमिशन हर साल होने वाली भर्ती प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही दिया जाएगा। कक्षा 6 वीं से 9वी और 12 तक प्रवेश दिया जाएगा। परीक्षा पास होने पर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की फीस सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा दी जाएगी। इस स्कूल में 50 फीसदी सीट गरीब बच्चों के लिए होगी। अगले साल से प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा।

Chhattisgarh’s first Sainik School to train female cadets : source




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