छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़। तेज रफ्तार से एक बार फिर खैरागढ़-धमधा मार्ग पर दुर्घटना देखने को मिला। मंगलवार सुबह जोरातराई चौक के पास रेत से भरे दो भारी वाहनों की आमने-सामने जबरदस्त टक्कर हो गई। हादसे में गाड़ियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं, लेकिन सौभाग्य से दोनों चालकों की जान बच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, खैरागढ़ की ओर से आ रहा ट्रक (सीजी 04 एचआर 6994) और धमधा की दिशा से बाजार अतरिया जा रहा रेत से भरा वाहन (सीजी 07 सीएल 7574) एक-दूसरे से टकरा गए। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों वाहनों के अगले हिस्से पूरी तरह चकनाचूर हो गए।
लगातार हादसो के बाद भी प्रशासन की चुप्पी
यह मार्ग अब ‘दुर्घटनाओं की सड़क’ बन चुका है। आए दिन हो रहे हादसों के बावजूद यहां न तो स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं और न ही कोई चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। नतीजतन, भारी वाहनों की तेज रफ्तार से आम लोगों की जान हर पल खतरे में है।
हादसे की सूचना मिलते ही 112 पुलिस वाहन मौके पर पहुंचा। पुलिस ने पंचनामा तैयार कर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन लोगों का कहना है कि जांच और कागजी कार्रवाई के बाद भी मूल समस्या जस की तस बनी हुई है।
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किसी बड़े हादसे और मौतों का इंतजार कर रहा है? प्रशासन
स्थानीय लोगों में इस हादसे के बाद आक्रोश फूट पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि “हम सालों से स्पीड ब्रेकर और सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे और मौतों का इंतजार कर रहा है?”
यह सड़क न केवल खैरागढ़-धमधा को, बल्कि छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों से लेकर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र तक को रायपुर से जोड़ती है। ऐसे में भारी वाहनों की लगातार आवाजाही बनी रहती है। सड़क की खराब हालत और बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए अब स्पीड ब्रेकर, साइन बोर्ड और ट्रैफिक बैरियर लगाना बेहद जरूरी हो गया है।
स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो आने वाले समय में यह मार्ग और भी ज्यादा जानलेवा साबित हो सकता है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द स्थायी सुरक्षा उपायों की मांग की है।
