छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 राजनांदगांव // पिछले साल धान खरीदी के बाद उठाव करने वाले ऐसे राईस मिलर्स जिन्होंने अपने कोटे का पूरा चावल जमा नहीं किया है, उनके खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है। अक्टूबर से दिसंबर के बीच प्रदेशभर में किए गए भौतिक सत्यापन के दौरान तय कोटे से कम धान पाए जाने वाली राईस मिल को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।
अविभाजित जिले में ऐसी 20 राईस मिल शामिल है। बड़ी बात यह है कि इन राईस मिल को इस साल भी मिलिंग से प्रतिबंधित ही रखा जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा प्रदेशभर की करीबन छह हजार राईस मिल का भौतिक सत्यापन कराया गया। अक्टूबर से दिसंबर के बीच इन राईस मिल में जाकर टीम ने यह देखा कि संबंधित मिलर्स द्वारा किए गए उठाव एवं जमा किए गए चावल में अंतर का स्टॉक मिल में उपलब्ध है कि नहीं। इसके साथ ही धान गणनात्मक स्थिति में है या नहीं, इस सत्यापन के दौरान बड़ी मात्रा में अनियमितता सामने आई। ऐसी राईस मिल की सूची जारी कर कार्रवाई की गई है। इसमें राजनांदगांव जिले से 19 एवं खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की एक राईस मिल शामिल है।
प्रतिबंधित रहेगी मिलें
बताया गया कि जिन 20 राईस मिल को स्टॉक कम पाए जाने एवं मिल बंद होने के चलते ब्लैक लिस्ट किया गया है। उन राईस मिलों को इस साल भी मिलिंग के लिए प्रतिबंधित रखा जाएगा। वहीं यदि किसी मिलर द्वारा जारी वर्ष में धान उठाव कर लिया गया है तो उनकी वसूली जमा की गई बैंक गारंटी-प्रतिभूति से की जाएगी। वहीं साल 2023-24 के धान स्टॉक में पाई गई कमी की वसूली भी बैंक गारंटी से की जाएगी।
94 हजार क्विं कम मिला धान
मिली जानकारी के अनुसार अविभाजित राजनांदगांव जिले की 20 राईस मिल में करीबन 94 हजार क्विंटल धान का स्टॉक कम पाया गया। इनमें राजनांदगांव जिले में 19 राईस मिल में करीबन 88538 क्विंटल एवं खैरागढ़ जिले में एक राईस मिल में 5894 क्विंटल धान का स्टॉक कम मिला है।
राजनांदगांव जिले में एमसस राईस मिल, जनता इंडस्ट्रीज, जिनदत्त, एमएस रुंगटा, एमजे फूड, कुशल राईस इंडस्ट्रीज, मां परमेश्वरी राईस मिल, शीतल ट्रेडर्स, विकास ट्रेडर्स, वर्धमान क्लोथ, जीनकुशल राईस मिल, माधवी उद्योग, प्रतीक एग्रो एवं श्री गीता एयो शामिल है।
इस बार 84 मिलर्स ने कराया अनुबंध
इधर इस बार धान उठाव एवं मिलिंग के लिए जिले के कुल 84 राईस मिलर्स द्वारा अनुबंध कराया गया है। इन राईस मिलर्स द्वारा अब तक करीबन 4000 मीट्रिक टन की मिलिंग कर ली गई है। हालांकि अब तक एफसीआई में पिछले साल का चावल नहीं लेने के आदेश से मिलर्स परेशान था, लेकिन अब इस आदेश को शिथिल करते पिछले साल का भी चावल जमा करने की छूट दे दी गई है।
Less stock of paddy found in rice mills..all 20 mills blacklisted
