खैरागढ़ महोत्सव का रंगारंग समापन.. तीन दिनों तक चला अद्भुत कला का संगम
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़ // इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में आयोजित 3 दिवसीय खैरागढ़ महोत्सव का समापन प्रदेश के राज्यपाल रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में शुक्रवार 21 नवंबर को हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. लवली शर्मा ने की वही अति विशिष्ट अतिथि के रूप में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल मौजूद रहें.
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में खैरागढ़ विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा, कुल सचिव डॉ. सौमित्र तिवारी व खैरागढ़ महोत्सव के संयोजक वेंकट रमण गुड़े मौजूद रहें.![]()
राष्ट्रगान व राज्यगीत के साथ समापन समारोह का हुआ शुभारम्भ
समापन समारोह के शुभारंभ अवसर पर सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के छात्रों ने राष्ट्रगान जन गण मन व राज्यगीत अरपा पैरी के धार का वाचन किया तत्पश्चात् मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेन डेका सहित समस्त अतिथियों ने मां सरस्वती व स्व. राजकुमारी इंदिरा के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया तदोपरांत विश्वविद्यालय के छात्रों ने विवि के कुलगीत की प्रस्तुति दी और फिर समस्त अतिथियों के स्वागत व उन्हें शाल, श्रीफल व खैरागढ़ महोत्सव का प्रतीक स्मृति चिन्ह भेंट करने के पश्चात विधिवत् रूप से 3 दिवसीय खैरागढ़ महोत्सव के समापन समारोह का शुभारंभ हुआ.
खूबसूरत संस्कृति को देश दुनिया तक आगे ले जाना है
समापन समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ ट्राइबल स्टेट है पर यहां पर भी संगीत का घराना है जो बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि खैरागढ़ का नाम कला के तीर्थ के रूप में पूरे देश और विदेश में जाना जाता है और खैरागढ़ साहित्यकार डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की जन्म स्थली है और उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के लिये अपनी संगीत में रुचि रखने वाली बेटी राजकुमारी इंदिरा के नाम से अपना महल दान करने वाले दानवीर राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह व रानी पद्मावती सिंह का भी जिक्र किया और उन्हें मंच से याद करते हुये नमन किया.
राज्यपाल ने कहा कि आज 10वें खैरागढ़ महोत्सव का समापन होने जा रहा है जो खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि हमारी खूबसूरत संस्कृति को देश दुनिया तक आगे ले जाना है और ऐसे खूबसूरत आयोजन से सामाजिक समरसता बढ़ती है और कटुता दूर होती है. उन्होंने कहा कि एक अच्छे शिल्पी व कलाकार को हमेशा बहुत सम्मान मिलता है.
संगीत से मिलता है सुकून..
समारोह के अति विशिष्ट अतिथि रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि संगीत ही ऐसा माध्यम है जिसके जरिये हर काम करने के पहले या तनाव होने पर सिर्फ संगीत सुन लेने से हमें बहुत आराम और सुकून मिलता है. उन्होंने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि जब खैरागढ़ महोत्सव का शुभारंभ सन 2012 में हुआ था और उस वक्त डॉ. रमन सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री और मैं संस्कृति मंत्री था और हमने ही महोत्सव की शुरुआत की थी. उन्होंने अंत में कहा कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की केंद्र से सम्बन्धित जो भी समस्याएं लंबित है उसे सांसद होने के नाते मैं दिल्ली में पूरा समाधान करवाने का हर संभव बेहतर प्रयास करूंगा.

क्षत्रिय कलाकारों को मौका देने का प्रयास भी हो
समारोह की विशिष्ट अतिथि विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा ने कहा कि आज हम राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह व रानी पद्मावती को याद करेंगे और नमन करेंगे क्योंकि उनके योगदान के बिना ये संगीत विश्वविद्यालय अधूरा है. उन्होंने कहा कि यहां के आसपास से आएं बच्चों को कई बार कुछ कारणवश यहां पढ़ने का अवसर मिल नहीं पाता पर मैं चाहती हूं कि उन्हें भी मौका मिले..क्षत्रिय कलाकारों को मौका देने का प्रयास भी हो.. . उन्होंने खैरागढ़ महोत्सव के सफल आयोजन के लिये कुलपति सहित विश्वविद्यालय प्रशासन एवं विद्यार्थियों को बधाई भी दी.

विश्वविद्यालय में रिक्त पदों में भर्ती की स्वीकृति की मांग
समारोह की अध्यक्षता कर रही कुलपति प्रो. डॉ. लवली शर्मा ने महोत्सव के समापन समारोह में अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस महोत्सव के आयोजन से हमारे यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि हुई है. उन्होंने राज्यपाल से इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में रिक्त पदों में भर्ती की स्वीकृति की मांग की और कहां कि ये कला का विश्वविद्यालय है और हम यहां विद्यार्थियों को कला की शिक्षा देकर उन्हें बेहतर कलाकार बनाने का प्रयास कर रहें है ताकि वो देश में अपनी कला का बेहतर प्रदर्शन कर सकें. कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन करते हुये कुलसचिव डॉ. सौमित्र तिवारी ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया.

कार्यक्रम में ये रहें मौजूद
खैरागढ़ महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर जिला पंचायत केसीजी उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, प्रदेश भाजपा प्रतिनिधि घम्मन साहू, केसीजी कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल, एसपी लक्ष्य विनोद शर्मा व जिला पंचायत सीईओ प्रेम कुमार पटेल, वरिष्ठ पत्रकार यतेन्द्रजीत सिंह, जितेंद्र यादव, किशोर सोनी, याहिया नियाज़ी, सन्नी यदु, श्रेयाशं सिंह व विमल बोरकर सहित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय परिवार से हिंदी एवं नाट्य विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. राजन यादव डॉ. नमन दत्त, भरतनाट्यम विभाग सहायक प्राध्यापक एवं महोत्सव की सह संयोजक डॉ. मेदिनी होंबल, मानस साहू, लिकेश्वर वर्मा, मंगलानंद झा, विजय सिंह, नत्थू तोड़े, रवीनारायण गुप्ता, संदीप किंडो, शिलेन्द्रजीत सिंह, डॉ. कस्तूभ रंजन, दिवाकर, डॉ.शिवाली बैस, डॉ. देवमाईत मिंज, प्रखरशरण सिंह, आलोक सिंह, डॉ. बिहारी लाल तारम व दिवाकर कश्यप सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं गणमान्य नागरिक मौजूद रहें.
Khairagarh Festival concludes with a colourful celebration of art that lasted for three days.


