कनकी मिलाकर सरकारी राशन दुकानों में चावल की सप्लाई
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 राजनांदगांव // कस्टम मिलिंग के चावल में कनकी मिलाकर सरकारी राशन दुकानों में सप्लाई की शिकायत सामने आ रही है। मिलर्स द्वारा नॉन के अधिकारियों से सांठगांठ कर लंबे समय से गोरख काम किया जा रहा है, लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा इसकी जांच करने गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। मामले की जांच करने पर चावल में हो रहे खेल का बड़ा खुलासा होने की संभावना है।

मिली जानकारी के अनुसार कस्टम मिलिंग के तहत मिलर्स द्वारा जमा किए जा रहे चावल में नियम के अनुसार 22 प्रतिशत कनकी की अनुमति है, लेकिन नॉन के माध्यम से राशन दुकानों में सप्लाई हो रहे चावल में 40 से 42 प्रतिशत कनकी मिले होने की जानकारी सामने आ रही है।
ऐसे में गरीबों को शुद्ध चावल मिलने के बजाय कनकी मिलावट वाला चावल मिल रहा है। शासन-प्रशासन को इस गंभीर मामले पर संज्ञान लेने की जरूरत है। जमा किए गए चावल में कनकी की मात्रा 22 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।
इसके लिए 0.5 फारेन मेटर यानी कंकड़-पत्थर आदि पाए जाने पर चावल को जमा करने से मना कर दिया जाता है। निर्धारित मापदंड के अनुसार जमा किए गए चावल में 3.0 फीसदी से अधिक डैमेज चावल की मात्रा नहीं होनी चाहिए, लेकिन यहां पर राशन दुकानों में सप्लाई किए गए चावल की नॉन के क्वालिटी इंस्पेक्टरों द्वारा गुणवत्ता के मापदंड की जांच ही नहीं की जा रही है।
18 हजार मीट्रिक टन की सप्लाई
नॉन के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 907 सरकारी राशन दुकान संचालित है। इसमें 812 दुकानों में नागरिक आपूर्ति निगम से मिलर्स द्वारा जमा कराए गए चावल की सप्लाई हो रही है। बताया जा रहा है कि इन राशन दुकानों से नॉन के जरिये हर माह 18 हजार मीट्रिक टन चावल की सप्लाई होती है। ऐसे में बड़ी मात्रा में कनकी मिलाकर मिलर्स मोटी कमाई कर रहे हैं।
हितग्राहियों में आक्रोश
मिलर्स द्वारा कस्टम मिलिंग के तहत जमा किए चावल को नॉन द्वारा पीडीएस के राशन दुकानों में सप्लाई किया जाता है। बताया जा रहा है कि मिलर्स नियमों को धज्जियां उडाते चावल में बड़ी मात्रा में कनकी मिलाकर नॉन में सप्लाई कर रहे हैं। नॉन के अधिकारी चावल की जांच नहीं कर रहे हैं। चावल में कनकी की मात्रा अधिक होने से हितग्राहीयों में आक्रोश की स्थिति निर्मित हो रही है।
Supply of rice mixed with Kanki in government ration shops


