छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 राजनांदगांव // रेलवे स्टेशन में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्रशिक्षण व नौकरी दिलाने के बहाने कवर्धा क्षेत्र की 16 युवतियों को तमिलनाडु ले जाते एक युवक को रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) राजनांदगांव ने रेलवे स्टेशन में पकड़ा है। आरोपी पूछताछ में संतोष जनक जवाब नहीं देने पर युवतियों को सखी सेंटर भेज दिया गया है, जहां से उन्हें उनके पालकों के सुपुर्द करने कवायद चल रही है।
आरपीएफ टीआई तरुणा साहू ने मिडिया को बताया कि रात को उनकी टीम प्लेटफार्म पर गश्त करने निकली थी तभी अचानक उनकी नजर युवतियों पर पड़ी, जो थोड़ी असहज और सहमी हुईं सी दिख रही थीं, उनके साथ को परिजन या पालक भी नहीं थे, उनके साथ एक शख्स मौजूद था। जिसने प्रशिक्षण के लिए तमिलनाडु ले जाने की बात बताई, पूछताछ में वे युवतियों द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। इसलिए उन्हें रोककर सखी सेंटर भेज दिया गया।
तमिलनाडु जाने की कही बात..
पूछताछ करने पर कुछ युवतियों ने बंगलौर जाने की बात कही तो कुछ ने तमिलनाडु जाने की बात कही। जबकि उनके पास तमिलनाडु त्रिपुर का टिकट था। रात 12.30 बजे वे कोरबा त्रिवेंद्रम में रवाना होने के लिए राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में बैठे थे। हालांकि वहां जाने का कारण भी युवतियां स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रही थीं। सभी युवतियों की उम्र 18 से 23 के बीच है।
जीआरपी ने केस को नहीं लिया हैंडओवर
छत्तीसगढ़ से इस तरह कई युवतियों के गायब होने की सूचना अलग-अलग थानों में दर्ज है। इसके बाद भी जीआरपी ने इस पूरे मामले में लापरवाही दिखाते हुए रेलवे पुलिस की कार्यवाही को हैंडओवर लेने से मना कर दिया। इसके बाद उन्हें लड़कियों को सखी सेंटर भेजना पड़ा।
परिजनों से किया सम्पर्क तो कहा..
रेलवे पुलिस ने मामले की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को दी। विभाग के अधिकारी पहुंचे। पूछताछ के बाद सभी युवतियों को सखी सेंटर भेजा गया, जहां से उनके परिजनों को संपर्क किया गया। उन्होंने युवतियों के जाने की खबर होने की बात कही। हालांकि पंचायत या पुलिस को इस संबंध में संबंधित व्यक्ति द्वारा किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई थी। इसलिए मामला संदिग्ध होने के कारण उन्हें जाने से रोक दिया गया है। मामले में पकड़ में आए शख्स के संबंध में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।
बैंक के नाम से ट्रेनिंग
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार रेस्क्यू किए गए लड़कियों को किसी प्रतिष्ठित बैंक के नाम से ट्रेनिंग दिया गया था। इसके बाद लड़कियों को मेट्रो सिटी भेजने की तैयारी थी। जो युवक इन लड़कियों को साथ लेकर राजनांदगांव रेलवे स्टेशन पहुंचा था वह भी कवर्धा का बताया जा रहा है। लड़कियों को किस काम के लिए ले जाया जा रहा था इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।
ट्रेनिंग में लोकल स्तर पर दिया जाता है रोजगार.. इसलिए है आशंका
बता दे की जब किसी बैंक, शासकीय या फिर प्राइवेट संस्था से इस तरीके का ट्रेनिंग कैंप चलाया जाता है तब अभ्यर्थियों को केवल स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहित किया जाता है और लोकल स्तर पर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। दूसरे शहर भेजने जैसी कोई व्यवस्था नहीं रहती। ऐसे में ट्रेनिंग के बाद इन लड़कियों को बाहर ले जाना अपने आप में ही कई सवालों को जन्म दे रहा है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग की आशंका भी बनी हुई है। प्रशासन को चाहिए कि इस मामले की गहराई तक छानबीन करवाए और लड़कियों को किस प्रयोजन से बाहरी राज्यों में ले जाया जा रहा था इसकी पुष्टि करें।
इस दौरान महिला प्रभारी इंस्पेक्टर तरूणा के साथ शिफ्ट अधिकारी सउनि गिरिजा साहू, महिला आरक्षक ललिता, प्रधान आरक्षक आरएम मिसाल एवं आरक्षक प्रमोद यादव मौजूद थे।