क्राइम खबर डेस्क खबर 24×7 बिलासपुर // सोमवार को उत्कल एक्सप्रेस की जांच के दौरान RPF की टीम को लावारिस बैग मिला, जिसमें गांजा भरा हुआ था। जीआरपी ने गांजा जब्त कर लिया है और अब तस्करों की तलाश की जा रही है। bilaspur रेलवे सुरक्षा आयुक्त डीएस तोमर ने आरपीएफ की टीम को ट्रेनों में मादक पदार्थों की सप्लाई रोकने और अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी आरपीएफ की टीम गांजा तस्करों को नहीं पकड़ पा रही है। शनिवार को आरपीएफ को जानकारी मिली कि गाड़ी संख्या 18477 पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस के जनरल कोच में गांजे की तस्करी की जा रही है। खबर मिलते ही एएसआई केपी तिवारी एवं स्टाफ ने बिलासपुर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच में ट्रेन के आते ही जांच शुरू कर दी। Smuggling
सीट के नीचे रखा था गांजा भरा बैग, तस्कर हुआ फरार..
ट्रेन की जांच के दौरान टीम को इंजन से दूसरे नंबर के जनरल कोच के सीट नंबर 15 के नीचे दो बैग मिले। टीम ने यात्रियों से बैग के बारे में पूछताछ की। लेकिन, कोई जानकारी नहीं दे सका। टीम ने बैग को खोलकर तलाशी ली, तब उसमें सेलो टेप से पैक अलग-अलग पैकेट्स में गांजा मिला। दोनों बैग में करीब सात किलो गांजा निकला, जिसकी कीमत 35 हजार रुपए बताई जा रही है। जीआरपी ने गांजा को जब्त कर एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। वहीं, तस्करों की तलाश की जा रही है।
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नशे का सामान सप्लाई करने का सुरक्षित ठिकाना बना ट्रेन
ओडिशा से छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्यों में गांजा तस्करी करने के लिए ट्रेन प्रमुख और सुरक्षित जरिया बन गया है। तस्कर ट्रेन में बैठकर आराम से गांजा तस्करी कर रहे हैं और पुलिस आरोपियों को पकड़ भी नहीं पा रही है। नशीली दवाओं की सप्लाई करने वाले मध्यप्रदेश के तस्करों को पुलिस ने पहले भी उसलापुर से गिरफ्तार किया था। वहीं, ट्रेन में गांजा तस्करी करने का मामला आए दिन सामने आते रहता है। गांजा तस्कर ओडीशा से मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तरप्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जगहों में सप्लाई करने के लिए ट्रेन को ही सुरक्षित ठिकाना बना लिया है।
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