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VIDEO: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संयुक्त मंच आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया..25वा दिन भी जारी रहा हड़ताल

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता-सहायिका ने खोला मोर्चा..किया कलेक्टर कार्यालय का घेराव..
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता-सहायिका ने खोला मोर्चा..
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छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 रायपुर // आगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहियिकाओ का प्रांतीय हड़ताल 25 वा दिन भी जारी रहा। आज रायपुर में संयुक्त मचं की बैठक हुई, जिसमे सभी संगठनो के प्रतिनिधि भाग लिये। चर्चा के बाद संयोजक मंडल की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार एवं प्रशासन की ओर से हमे जो अनदेखा किया जा रहा है , जिसकी निंदा करते हुए आगे कहा गया कि केंद्र एवं राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों के कारण आज चार साल बाद भी हमे नियमित कर्मचारी का दर्जा नही दिया गया है.

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नहीं किया घोषणा पत्र का वादा पूरा 

राज्य सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कलेक्टर दर देने का वादा किया था,जो अब तक पूरी नही किया । शासन की ओर से नोटिस भेज कर काम से निकलने की धमकी दी जा रही है, आंगनबाड़ी केंद्रों की चाबी मांगी जा रही है, मानदेय रोके जाने की बात कही जा रही है।आगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहयिका संयुक्त मंच के द्वारा 17 फरवरी को प्रदेश के सभी जिलों में रैली निकाल कर शासन द्वारा बर्खास्त करने का जो आदेश पत्र जारी किया गया है, उसे जलाया जाएगा। और संभागीय आयुक्त को अपानी छः सूत्रीय मांग पत्र दिया जायेगा।  उसी प्रकार आगामी 20फरवरी को राजधानी रायपुर में रैली प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री मंत्री निवास चलो का कार्यक्रम लिया गया है।

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ज्ञात हो कि विगत 23जनवरी से प्रदेश के एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहयिका धरने पर बैठी हैं केंद्रों में ताला लगा है,कांग्रेस पार्टी चुनाव पूर्व जिताने की अपील करते हुए, कलेक्टर दर देने का वादा घोषणा पत्र में किया था। 4 साल व्यतीत होने के बावजूद भी एक रूपया की वृद्धि नही किया है। सरकार के सभी कार्य करने वाली आगनबाड़ी की महिलाओं को न तो केंद्र की सरकार ने और ना ही अब तक राज्य सरकार ने मानदेय में कोई वृद्धि नही किया है। जबकि केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों को साल में दो बार महंगाई भत्ता एवं एक बार वेतन वृद्धि का लाभ मिलता है। हालांकि महंगाई के अनुसार पर्याप्त नहीं है फिर भी राहत तो है, सरकारों की दिवालियापन कि सोच है कि कार्यकर्ता को 6500 रुपये एवं सहयिका को 3250 रुपये मे काम कराई जा रही है,इस भीषण महंगाई में कार्यकर्ताओं का घर कैसे चल सकताहै,देखते हैं केंद्र सरकार ने इस बजट में कुछ भी नहीं दिया।देखते हैं कि राज्य सरकार क्या करती है?

बैठक में प्रमुख रूप से  सरिता पाठक, रुक्मणी सज्जन, हेमा भारती, गजेंद्र झा, कल्पना चंद, पिंकी ठाकुर, पार्वती यादव, सुचित्रा मानिकपुरी अध्यक्ष मंडली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहयिका संयुक्त मचं रायपुर शमिल रही.Anganwadi workers-helpers opened the front.. surrounded the collector's office..

ये है प्रमुख मांगे:-

क्र.  मांगे
(1)  आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किये जाने सरकार द्वारा अपने जन घोषणा पत्र में घोषित नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर वेतन तत्काल दिया जाय।
(2) आंगनबाडी सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर शत प्रतिशत एवं कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शतप्रतिशत पदोन्नति दिया जाय एवं विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जाय।
(3) आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी स्कूलों में प्रायमरी शिक्षक का दर्जा एवं वेतन दिया जाय।
(4) मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओ आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता के बराबर समान काम का समान वेतन दिया जावे एवं क्रेश कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर समाहित किया जाय।
(5)   आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को 5लाख रुपये एवं सहायिकाओं को 3लाख रुपये रिटायरमेंट के बाद एक मुश्त राशि दिया जाय और मासिक पेंशन, ग्रेच्यूटी, व समूह बीमा योजना लागू किया जाय।
(6)  प्रदेश स्तार में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाय।और पोषण ट्रेक और अन्य कार्य के लिये जब तक मोबाईल,नेट चार्ज नहीं दिया जाता, तब तक मोबाईल पे कार्य का दबाव न दिया जाए।

 


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