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बाल नेत्र सुरक्षा हेतु अभियान: पीड़ित छात्रों को दवाई के साथ ही दी गईं उचित सलाह

बाल नेत्र सुरक्षा हेतु अभियान पीड़ित छात्रों को दवाई के साथ ही दी गईं उचित सलाह
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बाल नेत्र सुरक्षा हेतु अभियान: पीड़ित छात्रों को दवाई के साथ ही दी गईं उचित सलाह

छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़ // सरकार के निर्देशानुसार सुशासन सप्ताह के अंतर्गत कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा के मार्गदर्शन में साय सरकार गठन के एक वर्ष पूर्ण होने पर विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। प्रशासनिक टीम जनता के बीच जाकर उनकी समस्या सुन रही है वहीं उनकी समस्याओं का निदान भी किया जा रहा है। साथी आम जनता तक अन्य बुनियादी सुविधाएं भी पहुंचाई जा रही है। इसी तारतम्य में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाल नेत्र सुरक्षा हेतु अभियान चलाया गया।

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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आशीष शर्मा ने बताया कि जिला नोडल अधिकारी अंधत्व डॉ पंकज वैष्णव व जिला सहायक नोडल अधिकारी श्रीमती दुर्गेश नंदिनी श्रीवास्तव के नेतृत्व में जिला खैरागढ़ -छुईखदान-गंडई में 16 दिसंबर से 21 दिसंबर तक बाल नेत्र सुरक्षा हेतु अभियान चलाया गया। इस दौरान बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह के तहत 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों का स्कूल में नेत्र परीक्षण किया गया।

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अध्यापन के समय दृष्टि कमजोर.. अध्ययन कार्य ठीक से नहीं कर पाते विद्यार्थी

डॉ आशीष शर्मा ने कहा कि अध्यापन के समय दृष्टि कमजोर होने पर छात्र अपना अध्ययन कार्य ठीक से नहीं कर पाते, नजर कमजोर होने के बात वे अपने घर में भी नहीं बताते और ना ही टीचर को बताते और पढ़ाई में कमजोर हो सकते हैं। इसीलिए नेत्रों का परीक्षण कर दृष्टि दोष से पीड़ित छात्रों को चिन्हित किया गया। ताकि वे अच्छे से देख सके और उनका भविष्य पढ़ लिखकर उज्जवल हो सके। अभियान में जिला केसीजी के 65 स्कूलों में 7367 छात्रों का नेत्र परीक्षण किया गया। नेत्र परीक्षण उपरांत 158 छात्रों को दृष्टि दोष से पीड़ित पाया गया।

सप्ताह के अंतर्गत 5 छात्र विटामिन ए डिफिशिएंसी एवं 5 इंजरी और एलर्जी कंजेक्टिवाइटिस 31 छात्र व 4 छात्र नजर के तिरछेपन से पीड़ित पाए गए हैं। जिनका उपचार कर उचित दवाई सलाह, चश्मा दिया गया। राज्य स्तर पर चलाए गए इस अभियान के तहत जिला केसीजी के खैरागढ़ एवं छुईखदान ब्लॉक के समस्त चिरायु चिकित्सादल, चिकित्सक सहित दोनों ब्लॉक के नेत्र सहायक अधिकारियों ने स्कूल में जाकर नेत्र परीक्षण किया एवं छात्रों को नेत्र सुरक्षा के बारे में बताकर स्वास्थ्य शिक्षा दी।बाल नेत्र सुरक्षा हेतु अभियान पीड़ित छात्रों को दवाई के साथ ही दी गईं उचित सलाह

Online पढ़ाई.. बताए गए नेत्र सुरक्षा के टिप्स … 

नेत्र सहायक अधिकारियों ने इस दौरान ही नेत्रों की सुरक्षा के उपाय बताए गए। साथ ही आजकल ऑनलाइन मोबाइल से पढ़ाई अथवा लैपटॉप से पढ़ाई करते समय किस प्रकार से अपने नेत्रों को सुरक्षात्मक रूप से रखना है एवं मोबाइल और लैपटॉप की ब्राइटनेस को आई कम्फर्ट मोड में रखना है, इस बारे में जानकारी दी गई। विशेषत: 20-20-20 का फार्मूला बताया गया। जिसके तहत 20 मिनट लैपटॉप या मोबाइल में काम करने के बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर खुले में हरे स्पॉट को देखना है। यह एक प्रकार की ऐसी आंखों को एक्सरसाइज है, जिससे मोबाइल के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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दृष्टि दोष से 700 पीड़ित छात्रों को किया चिन्हित 

जिले में मीडिल स्कूल के छात्रों का शालेय स्वास्थ्य परीक्षण एवं स्कूल आई स्क्रीनिंग कार्यक्रम के तहत 182 स्कूल के 26141 स्टूडेंट का नेत्र परीक्षण कर अभी तक 700 दृष्टि दोष से पीड़ित छात्रों को चिन्हित किया गया है। जिन्हें शीघ्र ही निशुल्क चश्मा जिला अंधत्व नियंत्रण समिति केसीजी द्वारा प्रदाय किया जाएगा। चिरायु चिकित्सा दल छुईखदान से डॉक्टर अविनाश सोनवानी, डॉक्टर श्वेता ताम्रकार डॉक्टर शिल्पी सिंह, डॉ नेहा साहू, डॉ रघुवीर प्रसाद, डॉक्टर लक्ष्मी नारायण एवं समस्त चिरायु स्टाफ तथा नेत्र सहायक अधिकारियों के दल में वरिष्ठ नेत्र सहायक अधिकारी छुईखदान विनय रामटेके, श्रीमती पूर्णिमा चंदेल, गेमन देवांगन, श्री देवेंद्र साहू, नरेंद्र निषाद ने नेत्र परीक्षण कर स्वास्थ्य शिक्षा दी।

Campaign for child eye protection: Along with medicines, proper advice was also given to the affected students




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