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गांव से बहिष्कृत परिवार अंततः थाने के सामने अपने अधिकार के लिए जमकर बोला हल्ला

गांव से बहिष्कृत परिवार अंततः थाने के सामने अपने अधिकार के लिए जमकर बोला हल्ला
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🔴 दोषी को गिरफ्तार करने की करते रहे मांग

🔴 8 घंटे तक चला जमकर नारेबाजी, प्रशासन को कोसते रहे।

0 अपने ही परिवार के यहां लोग नही जा पा रहे है एक दूसरे के यहां।

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0 पढ़ाई लिखाई करने वाले बच्चे सहित महिलाए भी रही शामिल।

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0 मामला 2016 के समय का फिर से लगी आग।

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0 8 घंटे तक चला जमकर नारेबाजी,प्रशासन को कोसते रहे।

 छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 गंडई पंडरिया // ग्राम पंचायत खौडा के पूर्व सरपंच सुखदेव पटेल के खिलाफ गांव की बहिष्कृत किए हुए यादव परिवार के लगभग 08 एवं लगभग 40 परिवार के पटेल समाज के लोगों ने शुक्रवार 05 मई को पार्षद भिगेश यादव के नेतृत्व में समय दोपहर 11 बजे गंडई थाने के सामने पंडाल लगाकर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की एवं गांव में एक साथ रहने की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया गया है। सुबह 11 बजे से पंडाल लगाकर लगातार अपने मांगों को लेकर संघर्ष करते रहे। तमाम प्रकार के नारेबाजी की ,इधर सुरक्षा की दृष्टिकोण से थाना के सामने थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस के जवान उपस्थित रहे।

प्रशासन को पहले से दे दिया था अल्टीमेटम, समय सीमा बीत जाने पर नही किए कार्यवाही तो बिना कुछ खाए-पिए बैठ गए धरने पर

पार्षद भिगेश यादव के नेतृत्व में 01 मई सोमवार को बहिष्कृत परिवार के 50 से 60 महिला एवं पुरुष एसडीएम कार्यालय पहुंचे और एसडीएम के नाम तहसीलदार अमरदीप अंचल को ज्ञापन सौंपा था, और ज्ञापन की एकएक प्रति तहसीलदार गंडई अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गंडई थाना प्रभारी आरक्षी केंद्र गंडई को स्वयं उपस्थित होकर पत्र दिए थे ।पटेल समाज के 40 एवं यादव समाज के 8 परिवारों को बहिष्कार करने का मामला

पटेल समाज के 40 एवं यादव समाज के 8 परिवारों को बहिष्कार करने का मामला

ज्ञापन मे बताया गया था, कि ग्राम खौडा पंचायत की पूर्व सरपंच पति सुखदेव पटेल के द्वारा तत्कालीन सरपंच रहते हुए गांव के ही रामखेलावन यादव के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर ₹50,000 का अर्थदंड लिया गया था। यह अर्थदंड उन्हें सरपंच की नाबालिक पुत्री नीलम पटेल के नाम पर तलाब गहरीकरण मनरेगा में फर्जी हाजिरी डालकर सरकारी पैसों का दुरपयोग करना बताया गया था एवं बहिष्कृत परिवार का सहयोग करने वाले पटेल समाज के लगभग 40 परिवारों का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। जिससे एक ही परिवार के लोग एक दूसरे के यहां आज नही जा पा रहे है।

ज्ञापन सौंपने आए लोगो ने बताया था की तीन दिवस के भीतर पूर्व सरपंच सुखदेव पटेल के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करता तो समस्त ग्रामवासी एसडीएम कार्यालय तहसील कार्यालय एवं थाना प्रभारी गंडई का घेराव कर उग्र आंदोलन करने की बात कही थी, ज्ञापन सौंपने वालों में रामखेलावन यादव, नरोत्तम पटेल, शांतिलाल, राजेश पटेल, पंचू राम, सुखीराम, देवाराम, तसील, फागुलाल, कामदार, सुकलाल, थानसिंह, अमीलाल, दसेलाल, पेशीलाल सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे थे।

क्या था पूरा मामला..

ज्ञात हो कि 50000 का अर्थ दंड एवं बहिष्कृत करने के संबंध में शिकायतकर्ता लक्ष्मण देवलाल सुखीराम धनीराम एवं अन्य निवासी ग्राम खौड़ा द्वारा प्रशासनिक जांच दिनांक 31 मार्च 2018 को समय शाम 5:00 बजे गांव में उपस्थित होकर सरपंच सचिव रोजगार सहायक कोटवार ग्राम पटेल सहित अन्य समस्त ग्रामवासी की उपस्थिति में जांच कार्यवाही की गई थी, बहिष्कृत पक्ष से बताया कि उन्हें गांव में नाई, धोबी, तथा अन्य दैनिक जीवन से संबंधित दुकान सहित दूध दही,आदि की सेवाओं से वंचित रखते हुए गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है। साथ ही सरपंच पुत्री नीलम पटेल जो कक्षा 12वीं की छात्रा थी का उसी समय 2 वर्ष पहले तालाब गहरीकरण कार्य और खौडा ढाबा पहुंच मार्ग मिट्टीकरण कार्य निर्माण में फर्जी रूप से हाजिरी डालने के संबंध में सूचना के अधिकार मांगी गई थी जिसके एवज में गांव से बहिष्कृत किया गया था,तथा उसका साथ देने वाले गांव के अन्य लोगो को भी बहिष्कृत किया गया है।

बहिष्कृत ग्रामीणों ने किया था लिखित शिकायत जांच में पहुंचे थे तहसीलदार व जनपद पंचायत की टीम

ग्राम से बहिष्कृत कर देने और ₹50000 के अलावा शौचालय निर्माण में राशि काटकर भुगतान करने संबंधी लिखित शिकायत गांव के ही लक्ष्मण देवलाल सुखीराम धनीराम सहित अन्य ग्रामवासी द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजनांदगांव के समक्ष करने पर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी चंदन कुमार के आदेश पर व एसडीएम गंडई के निर्देश पर गंडई के तत्कालीन तहसीलदार प्रफुल्ल गुप्ता के नेतृत्व में पंचायत इस्पेक्टर मोहित ध्रुव एवं कार्यक्रम अधिकारी सिद्धार्थ जायसवाल ने ग्राम खौड़ा पहुंचकर मामले की विस्तृत जांच किया था।गांव से बहिष्कृत परिवार अंततः थाने के सामने अपने अधिकार के लिए जमकर बोला हल्ला

मामले पर ग्रामीणों ने किया था खुलासा, पूर्व सरपंच ने भी स्वीकारा था..

तत्कालीन तहसीलदार प्रफुल्ल गुप्ता व उसकी जांच टीम ने मौके पर शिकायतकर्ता और सरपंच सहित ग्रामवासियों को समक्ष बुलाकर गांव में जन चौपाल लगवाया और बारी-बारी से सबसे कड़ाई से पूछताछ की थी। जांच में तत्कालीन सरपंच सुनीता पटेल के पति सुखदेव पटेल सहित ग्रामीणों ने पीड़ित व्यक्ति रामखेलावन यादव से दंड के रूप में ₹50,000 वसूल कर ग्राम खौड़ा व उसके आश्रित ग्राम सेंतवा मुंडाटोला दुल्लापुर में बराबर बराबर वितरित किए जाने की बात स्वीकार की थी। इसके अलावा शौचालय निर्माण में ₹12,000 के स्थान पर प्रत्येक हितग्राहियों से ₹ 1700- 1700 सौ रुपए काटकर भुगतान किए जाने की भी बात स्वीकार की थी।

दिब्यांक मिथलेश भी बहिष्कृत समाज में शामिल अपनी हक के लिए पहुंचे प्रदर्शन में

स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ठ स्कुल गंडई में पड़ने वाले कक्षा 12वी के छात्र खौडा निवासी मिथलेश यादव भी गांव से बहिष्कृत परिवार में से है वे अपनी हक की लड़ाई के लिए धरना स्थल में बिना कुछ खाए पीये पहुंचे थे। जबकि गर्मी में तापमान लगभग 40 के आसपास थे।

बुद्ध पूर्णिमा पर सभी ने रखें सामूहिक उपवास..

ग्राम खौडा से आए हुए बहिष्कृत परिवार के लोगों ने 05 मई शुक्रवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रतिवर्ष की भाती गांव के महिला पुरुष सभी ने सुबह से कुछ खाए पिए सामूहिक उपवास रखकर अपने हक की लड़ाई के लिए डटे रहे और जमकर प्रदर्शन कर हल्ला बोला।

चरवाहा एवं कोटवार भी गांव से बहिष्कृत मजबूरी में कर रहे हैं काम..

ग्राम खौडा से प्रदर्शन में आए बहिष्कृत परिवार के लोगों ने बताया कि गांव में सभी के यहां से मवेशियों को चराने के लिए रखे चरवाहा को भी गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है जिससे चरवाहा मवेशियों को नहीं चरा पा रहे हैं। वही ग्राम के कोटवार को भी गांव से बहिष्कृत कर दिए जाने की जानकारी सामने आया है। कोटवार सरकार के द्वारा अधिकृत होने के कारण मजबूरी में गांव में मुनादी सहित अन्य कार्य का संचालन कर रहे हैं।गांव से बहिष्कृत परिवार अंततः थाने के सामने अपने अधिकार के लिए जमकर बोला हल्ला

धरना प्रदर्शन में बहिष्कृत परिवार के 

रामखिलावन यादव, रसीद पटेल, प्रेमलाल पटेल, सुरेश यादव, देवा पटेल, प्रकाश पटेल, फागूलाल पटेल, कान्हु पटेल, फत्ते लाल पटेल, महासिंह पटेल, बिसेलाल पटेल, पेशिलाल पटेल, सुखलाल पटेल, सुखेलाल पटेल, देवा राम पटेल, वेदराम पटेल, देश लाल पटेल, कन्हैया पटेल, शिव प्रसाद पटेल, धनीराम यादव, रेतलाल पटेल, कामदार पटेल, थान सिंह पटेल, थाने पटेल, तहसील पटेल समारू पटेल, राजेश पटेल, मनोहर यादव, बंसी राम पटेल, सुखी राम पटेल है। वही महिलाओं में नान्हे बाई पटेल, उगेश पटेल, दिव्या पटेल, भूरी पटेल, नीरा बाई, अंजू पटेल, ममता यादव, रोशनी पटेल, बीन कुंवर पटेल, श्रीमती बाई, खेदिया पटेल, सावित्री पटेल, कजई बाई कचरा बाई, दुखदईया बाई, सुरेखा पटेल, हंसली बाई, मेलन बाई सहित पढ़ाई करने वाले बच्चे भी शामिल रहे।


रेणुका रात्रे, एसडीएम, गंडई का कहना है की दोनो पक्षों का बयान लिया जाएगा, इसके बाद जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी, प्रदर्शन में बैठे सभी लोगो का कहना है की मामले में तत्काल एफ आई आर हो, चूंकि मामला विगत 07 वर्ष पहले पुराना है, मामले में जांच जरूरी है उसके बाद विधिवत कार्यवाही की जाएगी।


गांव से बहिष्कृत परिवार अंततः थाने के सामने अपने अधिकार के लिए जमकर बोला हल्लापीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने धरने स्थल पर पहुंचे नवाज खान

धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में शाम 6:00 बजे जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री के करीबी नेता नवाज खान पहुंचे। नवाज डोंगरगढ़ ब्लॉक के मोहारा में भेट मुलाकात कार्यक्रम को छोड़कर सीधे गंडई कार्यक्रम स्थल पहुंचे और अधिकारियों से राय मशवरा लिए उन्होंने ने बताया कि भाजपा शासनकाल के समय का मामला में लीपापोती किया गया है। लेकिन आज फिर से उसी मामले में फिर से जांच होगी चूंकि किसी को आर्थिक दंड लेने का अधिकार नहीं है, और ना ही गांव से बहिष्कृत करने का इस मामले में फिर से पीड़ित पक्ष एवं सामने वाले पक्ष का बयान होगा बयान के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी क्योंकि सामने वाला जो है वह बहुत ही चालाक है और चतुर आदमी है सभी पीड़ित पक्ष की ओर से एसडीएम रेणुका रात्रे को नवाज खान के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें प्रशासन ने 1 सप्ताह का समय लिया है। इस संबंध में जांच कर दोषी पक्ष पर कार्यवाही किए जाने का आश्वासन प्रशासन के आला अधिकारी ने दी है। इस दौरान पुलिस के आला अधिकारी उपस्थित रहे।

The family ostracized from the village finally spoke fiercely for their rights in front of the police station


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रिपोर्ट : रोहित देवांगन ,गंडई
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