ग्रीन अफोर्डेबल हाउसिंग यूनिट के लिए दिग्गज हाउसिंग कंपनी एचडीएफसी (HDFC) के सामने फंडिंग की दिग्गत नहीं रहेगी। इससे पर्यावरण को लेकर कंपनी ने जो लक्ष्य तय किया है, उसके तहत इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) ने 40 करोड़ डॉलर के कर्ज को बढ़ा दिया है। दोनों ही कंपनियों ने अलग-अलग इससे जुड़ा ऐलान शुक्रवार को किया था। ऐलान के मुताबिक इस लोन के जरिए शहरों में अधिक से अधिक लोगों को घर उपलब्ध हो सकेगा। वहीं पर्यावरण के हिसाब से बेहतर घर सस्ते में उपलब्ध होगा।
दोनों कंपनियों के बीच इस सौदे से देश के सस्टेनेबेल ग्रोथ की पहल, नए रोजगार और लांग टर्म बिजनेस ग्रोथ के लक्ष्य को भी सपोर्ट मिलेगा। एचडीएफसी को इस लोन का 75 फीसदी हिस्सा यानी कि 30 करोड़ डॉलर कर्ज मिल भी चुका है।
27.5 करोड़ लोगों को घरों की जरूरत
एक आकलन के मुताबिक देश के 140 करोड़ लोगों में 27.5 करोड़ यानी 22 फीसदी के पास रहने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। शहरी इलाकों की तुलना में गांवों में तो दोगुनी अधिक दिक्कत है। वर्ष 2018 के आंकड़ों के मुताबिक शहरों में 2.9 करोड़ घरों की कमी थी जो वर्ष 2012 की तुलना में 54 फीसदी अधिक रही। एचडीएफसी की एमडी रेणू सूद कर्नाड के मुताबिक आईएफसी की मदद से वित्तीय तौर पर कमजोर लोगों के घर का सपना सच होगा। इसके अलावा यह सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य ‘सबके लिए अपना घर’ को पूरा करेगी
ग्रीन हाउसिंग घरों का क्या है मतलब
भारत में जो आवासीय घर हैं, वह देश की 24 इलेक्ट्रिसिटी खपत करते हैं। पेरिस समझौते के तहत जलवायु प्रतिबद्धता और Sharm el-Sheikh में क्लाइमेट चेंज कांफ्रेंस COP-27 के अनुसार ग्रीन अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर ग्रीन हाउसिंग गैस को घटाने में मददगार साबित होगा। इन घरों में बिजली की खपत कम करके और ग्रीनर कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज के जरिए ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम किया जा सकेगा। अब आईएफसी के लोन के जरिए एचडीएफसी इस सेक्टर में तेजी से पांव पसारेगी। 2010 से लेकर आईएफसी ने घरेलू हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को 170 करोड़ डॉलर से अधिक कर्ज दिया है। यह कर्ज खुदरा खरीदारों और अफोर्डेबल और ग्रीन हाउसिंग के लिए दिया गया।
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