व्यापार खबर डेस्क खबर 24×7 नई दिल्ली// अमरीका में सख्त मौद्रिक नीति और रूस-यूक्रेन युद्ध से जारी वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच भारत सेहतमंद आर्थिक वृद्धि और पीएलआई योजना के कारण वर्ष 2023 में भी विदेशी निवेशकों के आकर्षण का केंद्र बना रह सकता है। investment,
संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट के मुताबिक, भारत कारोबारी सुगमता और कुशल श्रमशक्ति को बढ़ाने के लिए किए उपायों, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से जुड़ी नीतियों के उदार होने, विशाल घरेलू बाजार की मौजूदगी और ग्रोथ रेट अच्छी रहने की संभावनाओं से नए साल में विदेशी निवेशकों का भरोसा जीतने में कामयाब रह सकता है। India, Foreign investors

इसे भी पढ़ें: 1 जनवरी से होने वाले हैं ये 7 बड़े बदलाव..आपकी जेब पर होगा सीधा असर.. जानें डिटेल्स |
रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से सितंबर 2022 के बीच देश में 42.5 अरब डॉलर यानी 3.51 लाख करोड़ रुपए का एफडीआई आया। हालांकि इस साल इक्विटी में विदेशी निवेश घटा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल फैक्टर्स के कारण उठापटक के बीच नए साल में भारतीय शेयर बाजार में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। India, Foreign investors
सत्र | एफडीआई राशि (आंकड़े लाख करोड़ रुपए में) |
2016-17 | 4.94 |
2017-18 | 3.70 |
2018-19 | 3.66 |
2019-20 | 4.15 |
2020-21 | 4.92 |
2021-22 | 7.1 |
2022-23 | 2.88 |
(*2022-23 में अप्रैल से सितंबर 2022 तक के एफडीआई के आंकड़े)
इस हफ्ते ये तय करेंगे बाजार की चाल
कच्चा तेल-रुपया: लगातार दूसरे हफ्ते क्रूड ऑयल की कीमतों में रैली रही, लेकिन मांग कम होने से यह 85 डॉलर प्रति बैरल पर है। रुपए भी टूट कर डॉलर के मुकाबले 82.86 पर है। | कोरोना : चीन, अमरीका, जापान और दुनिया के कई हिस्सों में कोविड का नया वैरिएंट सामने आया है। इससे निवेशक सतर्क हैं और उनकी नजर कोविड के मामलों पर है। |
विदेशी निवेश : पिछले हफ्ते ₹1,000 करोड़ की बिकवाली की, जबकि घरेलू निवेशकों ने ₹8500 करोड़ के खरीदे। | आर्थिक आंकड़े : 30 दिसंबर को नवंबर महीने के लिए फिस्कल डेफिसिट और इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट के आंकड़े आएंगे। |
source.
