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दीपावली मे करें इस दिन लक्ष्मी जी का पूजन..ज्योतिष अनुसार यह तिथि है श्रेष्ठ.. Worship Goddess Lakshmi on this day of Deepawali.. According to astrology, this date is the best..
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दीपावली मे करें इस दिन लक्ष्मी जी का पूजन..ज्योतिष अनुसार यह तिथि है श्रेष्ठ..

छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7  // पंचागों और सरकारी कैलेंडर में अवकाश को लेकर कुछ मतभेद रहे है जिसके कारण लोग दोपावली त्योहार की लिए जानना चाह रहे थे जिस पर हमने ज्योतिषाचार्यों से जानकारी चाही। जिस पर  ज्योतिषाचार्यों प्रदोष काल में दो दिन अमावस्या रहने पर शास्त्र समत दूसरे दिन ही दिवाली का पर्व मानने की बात कही है।  बताया की अमावस्या की तिथि के अनुसार प्रदोष काल दो दिन का है।  Deepawali

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दरअसल हिंदू पंचागों और सरकारी कैलेंडर में अवकाश को लेकर मतभेद के चलते लोग असमंजस में हैं। केंद्र और राज्य सरकार के कैलेंडर में दिवाली का अवकाश 31 अक्टूबर को है, जबकि राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और मध्यप्रदेश के ज्योतिषीय पंचागों में दिवाली का पर्व एक नवंबर को बताया है। हालांकि, कुछ पंचांगों में 31 अक्टूबर को दिवाली पर्व की जानकारी से असमंजस की स्थिति बनी है। ज्योतिष विधा के जानकारों के अनुसार प्रदोष काल में दो दिन अमावस्या रहने पर दूसरे दिन (सूर्योदय से शाम तक अमावस्या) ही दीपोत्सव मनाना व लक्ष्मी पूजन शास्त्र समत माना गया है। Deepawali

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त्रयोदशी तिथि
29 अक्टूबर की सुबह 10.32 से 30 अक्टूबर की दोपहर 1.16 बजे
चतुर्दशी
30 अक्टूबर की दोपहर 1.16 से 31 अक्टूबर की दोपहर 3.53 बजे
अमावस्या

.31 अक्टूबर की दोपहर 3.53 से एक नवंबर की शाम 6.17 बजे तक

संशय की स्थिति किये दूर इस दिन होगी दीपावली

भारतवर्ष में प्रतिवर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है किंतु इस बार तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी जिसे दूर करते हुए मां दंतेश्वरी आध्यात्मिक साधना केंद्र एवं राजपुरोहित पंडित डॉक्टर मंगलानंद झा ने बताया कि 31 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाना श्रेयस्कर है और मां दंतेश्वरी मंदिर में 31 अक्टूबर गुरुवार को सूर्यास्त के बाद दीपोत्सव मनाया जावेगा।दीपावली मे करें इस दिन लक्ष्मी जी का पूजन..ज्योतिष अनुसार यह तिथि है श्रेष्ठ.. Worship Goddess Lakshmi on this day of Deepawali.. According to astrology, this date is the best..

डॉ० झा ने आगे बताया कि इस वर्ष कार्तिक अमावस्या दो दिन होने के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है । 31 अक्टूबर को अमावस्या अपराह्न 3:53 के बाद प्रारंभ होगा जो दूसरे दिन 1 नवंबर को शाम 6:17 तक ही रहेगा। सूर्यास्त 5:23 पर होगा इस स्थिति में 53 मिनट ही अमावस्या प्राप्त होगा क्योंकि 31 अक्टूबर को गुरुवार है और प्रदोष व्यापिनी के साथ-साथ संपूर्ण रात्रि अमावस्या युक्त है। Deepawali

दीपोत्सव का पर्व सूर्यास्त के बाद मनाया जाता है और इस दिन गणेश लक्ष्मी कुबेर आदि की पूजा की जाती है । ज्योतिष अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या प्रदोष काल से लेकर मध्य रात्रि निशिता मुहूर्त एवं लक्ष्मी पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि प्रदोष युक्त अमावस्या में ही लक्ष्मी जी का प्रादुर्भाव माना जाता है । Deepawali

31 को दीपावली ,२ नवंबर अन्नकूट एवं 3 नवंबर को भाई दूज मनाया जाना उपयुक्त व श्रेयस्कर है। वृषभ लग्न प्रदोष काल और चौघड़िया के हिसाब से लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 31 अक्टूबर गुरुवार को शाम 6:25 से लेकर रात 8:20 तक श्रेष्ठ है इसी प्रकार निशिता मुहूर्त 11:39 से 12:30 तक उपयुक्त है।

छह दिन का होगा दीपोत्सव पर्व

29 अक्टूबर  धनतेरस
30 अक्टूबर रूप चतुर्दशी, यम के निमित्त दीपदान
31 अक्टूबर दीपावली, रूप चतुर्दशी के निमित्त स्नान
1  नवंबर को भी दीप जला कर जगमग की जाएगी.. 
02  नवंबर अन्नकूट, गोवर्धन पूजा
03 नवंबर भाईदूज का पर्व

खबर 24×7 ने कुछ लोगों से चर्चा की तो कहा की हिन्द संप्रदाय के पर्वों पर असमंजस की स्थिति पर देश के प्रमुख शंकराचार्य आगे आना चाहिए। विद्वतजनों से चर्चा कर शास्त्रानुसार पर्व के लिए एक निर्णय की आवश्यकता है, ताकि लोगों को परेशानी न हो। Deepawali

Worship Goddess Lakshmi on this day of Deepawali.. According to astrology, this date is the best..

 




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