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CM बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने सबसे पहले इस फाइल पर किए साइन, गृह मंत्रालय के सवाल पर कही बड़ी बात

CM बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने सबसे पहले इस फाइल पर किए साइन, गृह मंत्रालय के सवाल पर कही बड़ी बात
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CM बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने सबसे पहले इस फाइल पर किए साइन, गृह मंत्रालय के सवाल पर कही बड़ी बात

@khabar24x7 मुंबई // महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत करने वाले महायुति गठबंधन की गुरुवार को ताजपोशी हो गई। महाराष्ट्र का सीएम बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने सबसे पहले एक मरीज के इलाज से संबंधित फाइल पर साइन किए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “आज मैंने जो पहला साइन किया है, वह यह है कि मैंने मुख्यमंत्री राहत कोष से बोन मैरो ट्रांसप्लांट ट्रीटमेंट के लिए एक मरीज को 5 लाख रुपये देने का फैसला लिया।”

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मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “जिस तरह का समर्थन इस बार हमें मिला है, मैं मानता हूं कि निश्चित रूप से उस जनादेश का दबाव है, लोगों के प्यार का दबाव है और मैं इसे महसूस करता हूं। जब अपेक्षाएं बड़ी होती हैं तो चुनौती भी बड़ी होती है, क्योंकि लोगों को आपसे अपेक्षाएं होती हैं, तो निश्चित रूप से मुझ पर दबाव है और जहां तक फिस्कल डिसिप्लिन का सनाल है, हमें निश्चित रूप से इस पर काम करना होगा, क्योंकि हमने बहुत महत्वाकांक्षी योजना बनाई है…”

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कैबिनेट विस्तार पर क्या बोले देवेंद्र फडणवीस?

कैबिनेट विस्तार और मंत्रालयों के बंटवारे से संबंधित सवाल पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किसे क्या मंत्रालय मिलेगा, यह तीनों मिलकर तय करेंगे और यह अंतिम चरण में है। पिछली सरकार में मंत्रियों के काम का आकलन किया जा रहा है और उसी आधार पर आगे का फैसला लिया जाएगा।

गृह मंत्रालय को लेकर क्या कहा?

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पत्रकारों ने देवेंद्र फडणवीस से होम मिनिस्ट्री को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय एक ऐसा विभाग है जिसमें आपको धन्यवाद कम और गालियां ज्यादा मिलती हैं, लेकिन इसके बावजूद आपको इस मंत्रालय को दृढ़ विश्वास के साथ संभालना होता है।

उन्होंने कहा, “मैंने इसे दृढ़ता के साथ संभाला। इस कार्यकाल में भी हमारी सरकार गृह मंत्रालय के जरिए ऐसे सभी कदम उठाएगी जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था अच्छी बनी रहे, महाराष्ट्र के लोग सुरक्षित महसूस करें।”

कास्ट सेंसस के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने बार-बार स्पष्ट किया है कि हम जाति जनगणना के खिलाफ नहीं हैं। बिहार में जो पहली जाति जनगणना हुई थी, वह हमारे समर्थन से हुई थी। हम हमेशा कहते हैं कि जाति जनगणना को हथियार मत बनाइए… अगर जनगणना करनी ही है, तो हमें पहले यह तय करना चाहिए कि हम इससे क्या हासिल करना चाहते हैं और उसके अनुसार ही इसे करना चाहिए। .




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