छत्तीसगढ़ में बदल सकती है शराब नीति, सरकार ठेका पद्धति लागू करने पर कर रही विचार, राजस्व घाटे की भरपाई की कवायद तेज
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 रायपुर // छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार की नीति एक बार फिर बदलने के संकेत मिल रहे हैं। राज्य सरकार मौजूदा व्यवस्था में संशोधन की तैयारी में है और एक बार फिर ठेका पद्धति लागू करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, आबकारी विभाग ने नई शराब नीति का प्रारंभिक मसौदा तैयार कर लिया है, जिस पर शीघ्र ही उच्चस्तरीय चर्चा होने वाली है।
जानकारी के मुताबिक, सरकार की सहमति के बाद यह मसौदा कैबिनेट की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। माना जा रहा है कि नई नीति का मुख्य उद्देश्य शराब बिक्री से होने वाले राजस्व घाटे की भरपाई करना है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने शराब से 11 हजार करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन वसूली करीब 3 हजार करोड़ रुपये कम रही। इस बार आबकारी विभाग ने 12,500 करोड़ रुपये का नया लक्ष्य तय किया है। ऐसे में सरकार राजस्व सृजन बढ़ाने के लिए पुरानी ठेका प्रणाली को फिर से लागू करने पर विचार कर रही है। ![]()
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ठेका पद्धति लागू होती है, तो इससे निजी भागीदारी बढ़ेगी और बिक्री प्रणाली में पारदर्शिता के साथ प्रतिस्पर्धा भी लौट सकती है।
Chhattisgarh’s liquor policy may change; the government is considering implementing the contract system, and efforts are underway to offset revenue losses.


