श्रद्धा- भक्ति के साथ निकली भव्य कांवड़ यात्रा, घटियारी मंदिर में हुआ पावन जलाभिषेक
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 गंडई। श्रावण मास के तीसरे रविवार को खैरागढ़ अंचल शिवभक्ति के रंग में पूरी तरह डूबा नजर आया। चारों ओर गूंजते ‘हर हर महादेव’ के जयघोष, कंधों पर कांवर, भगवा वस्त्रों में लिपटे श्रद्धालुओं की टोलियां, ढोल-नगाड़ों की गूंज और भक्ति रस में डूबी हुई धार्मिक यात्रा यह सब दृश्य तब देखने को मिला जब जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि खम्मन ताम्रकार के नेतृत्व में मां नर्मदा मंदिर से घटियारी मंदिर तक भव्य कांवड़ यात्रा निकाली गई।
गूंजे जयकारे, नर्मदा मंदिर से निकली कांवड़ यात्रा
सुबह का समय से ही मां नर्मदा मंदिर के प्रांगण में सैकड़ों श्रद्धालु एकत्र हो चुके थे। मंदिर परिसर में मंत्रोच्चार और ढोल की थाप गूंज रही थी और कांवड़ यात्रा का विधिवत शुभारंभ हुआ। कंधों पर कांवर लिए भक्तों का जनसैलाब जैसे ही आगे बढ़ा, वातावरण ‘बोल बम’, ‘हर हर महादेव’ और ‘बम-बम भोले’ के नारों से गूंज उठा।
जगह जगह हुआ स्वागत
यात्रा मार्ग पर विभिन्न गांवों और चौक-चौराहों पर स्थानीय ग्रामीणों, महिला समितियों और सेवा भावी युवाओं द्वारा कांवरियों का स्वागत किया गया। कहीं फल और जल की व्यवस्था थी, तो कहीं शीतल पेय और विश्राम स्थल। कुछ स्थानों पर श्रद्धालुओं के पाँव धोने की परंपरा भी निभाई गई। वही श्रद्धालुओं को कहीं कोई असुविधा न हो, इसके लिए आयोजकों द्वारा पर्याप्त स्वयंसेवकों को तैनात किया गया था।
घटियारी मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक और सामूहिक आरती
करीब दो घंटे की भक्ति यात्रा के पश्चात श्रद्धालु घटियारी मंदिर पहुंचे। यहां विधिवत पूजा-अर्चना और जलाभिषेक का कार्यक्रम आयोजित हुआ। भक्तों ने मां नर्मदा से लाया गया पवित्र जल शिवलिंग पर अर्पित कर भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया। आरती के समय पूरा मंदिर परिसर मंत्रमुग्ध कर देने वाली ऊर्जा से भर गया। शंखध्वनि और घंटियों की मधुर ध्वनि ने वातावरण को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया।
भंडारा का आयोजन, सैकड़ों लोंगो ने किया प्रसाद ग्रहण
जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के उपरांत भोजन भंडारे का आयोजन हुआ। यहां सभी श्रद्धालुओं और ग्रामीणों ने बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे में स्वादिष्ट खिचड़ी, सब्जी, पूरी, हलवा और जलपान की व्यवस्था थी। स्वयंसेवक प्रेमपूर्वक भोजन परोसते हुए श्रद्धालुओं की सेवा कर रहे थे।
आयोजन को सफल बनाने वालों का सम्मान
कार्यक्रम के समापन अवसर पर खम्मन ताम्रकार ने सभी श्रद्धालुओं, ग्रामीणों और विशेष रूप से आयोजन समिति का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा “श्रावण मास शिवभक्ति का महीना है। इस पवित्र समय में ऐसे आयोजनों से समाज में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि हमारे संस्कारों और संस्कृति की अभिव्यक्ति है। सभी का सहयोग इस आयोजन को ऐतिहासिक बना गया।”ताम्रकार ने युवाओं, महिलाओं और आयोजन में योगदान देने वाले सेवा भावियों को सम्मानित भी किया।![]()
इस आयोजन में 100 से अधिक गांवों के श्रद्धालु शामिल हुए। तो दूसरी ओर सुरक्षा व्यवस्था के लिए स्थानीय प्रशासन ने भी सहयोग किया। महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष विश्राम और जल वितरण केंद्र बनाए गए थे।
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