अन्नदाताओं के लिए संकट, धान बेचने पोर्टल में नहीं हो पा रहा पंजीयन
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 // छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 15 नवम्बर से धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू की जानी है, लेकिन एग्रीइस्टेक पोर्टल में कई किसानों के पंजीकरण न होने के कारण उनकी धान बिक्री में संकट आ गया है।
अंतिम तिथि रही 31 तक लेकिन सर्वर रहा डाऊन
पंजीकरण के लिए 31 अक्टूबर को अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन राजस्व विभाग की लापरवाही और सर्वर डाउन की समस्या के कारण कई किसानों का पंजीकरण पूरा नहीं हो पा रहा है। इसका सीधा असर उनके धान बेचने की प्रक्रिया पर पड़ रहा है।
धान बेचने पोर्टल पर करना होता है पंजीयन
किसान जब धान बेचने के लिए पंजीकरण करते हैं, तो उन्हें सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से अपना पंजीकरण कराना होता है। इस पंजीकरण की प्रक्रिया एग्रीइस्टेक पोर्टल पर होती है, जो फिलहाल तकनीकी समस्याओं से जूझ रहा है।

भुइंया ऐप में भी नहीं हो रहा सुधार
किसानों का कहना है कि उनकी भूमि का विवरण राजस्व विभाग के पास है, लेकिन भूइंया ऐप के माध्यम से जरूरी सुधार समय पर नहीं हो पा रहे हैं। इस कारण पुराने भूधारक का नाम सिस्टम में दिखाई दे रहा है, जबकि जमीन के नए मालिक का नाम होना चाहिए। अधिकतर संयुक्त खाता धारक किसानों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनका नाम पुराने खसरे में चिपका हुआ है। ![]()
भूइंया ऐप में कोई भी सुधार करने के बाद 48 घंटे तक अपडेट नहीं हो पा रहे हैं, जिससे किसानों को एग्रीइस्टेक पोर्टल पर अपना पंजीकरण करने में समस्या हो रही है। सर्वर डाउन होने के कारण पहले से पंजीकृत कृषकों का कैरी फारवर्ड नहीं हो पा रहा है। इसका नतीजा यह है कि मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी क्षेत्र के किसानों का पंजीकरण नहीं हो पाएगा।
Farmers are facing problems as they are unable to register on the portal to sell paddy.


                        