EMI में राहत की उम्मीद: RBI ने फिर घटाया रेपो रेट, मौद्रिक नीति का रुख ‘उदार’
नई दिल्ली// भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के लिए लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। इस कटौती के साथ अब रेपो रेट 6% पर आ गया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने संकेत दिए हैं कि आगामी मौद्रिक नीति में एक और कटौती की संभावना बन सकती है।

गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अपनी नीति का रुख ‘न्यूट्रल’ से ‘अकोमोडेटिव’ (उदार) कर दिया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि अब नीतिगत दर या तो स्थिर रहेगी या उसमें और कटौती की जा सकती है।
EMI पर पड़ेगा असर
इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा जो फ्लोटिंग रेट होम लोन पर लोन ले रहे हैं, क्योंकि बैंकों के दरें घटाने पर उनकी EMI कम हो सकती है।
कमजोर खपत मांग के बीच राहत
RBI ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब देश की अर्थव्यवस्था कमजोर खपत मांग के कारण धीमी पड़ने की आशंका में है। ऐसे में लगातार दूसरी दर कटौती से आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
अगली नीति 6 जून को
RBI की अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक 6 जून को होगी, जिसमें फिर से दर में कटौती की संभावना पर विचार किया जा सकता है।
क्या बोले गवर्नर मल्होत्रा?
गवर्नर ने कहा, “आज का ‘अकोमोडेटिव’ रुख इस ओर इशारा करता है कि जब तक कोई बड़ा झटका न आए, MPC के सामने दो ही विकल्प हैं — या तो यथास्थिति बनाए रखना या फिर दर में कटौती करना।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नीति रुख को तरलता (liquidity) की स्थिति से सीधे जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से, ‘अकोमोडेटिव’ नीति का मतलब होता है आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों को नीचे रखना।
Hope for relief in EMI: RBI again reduced repo rate, monetary policy stance ‘liberal’
