25हजार बता दिया 65हजार का बिल, इलाज के लिए तय से ज्यादा रकम की मांग, किया शिकायत
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़ // शहर के एक निजी अस्पताल बालाजी हॉस्पिटल पर इलाज के लिए तयशुदा रकम से ज्यादा की मांग के आरोप लगे हैं। इसकी पीड़ित ने सीएचएमओ के पास शिकायत किया है।
बच्चेदानी निकालने के नाम पर बालाजी हास्पिटल प्रबंधन पर तयशुदा रकम से ज्यादा वसूली को लेकर मरीज के पति ने सीएचएमओ को शिकायत आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। ब्लॉक के जोरातराई निवासी अजय देवदास ने बताया कि कुछ दिन पहले वो अपनी पत्नी कुसुमलता के लगातार पेट दर्द की शिकायत पर गंडई के बालाजी डायग्नोसिस ले गया था, जहां सोनोग्राफी रिपोर्ट में बच्चेदानी में खराबी की बात कहकर, तुरंत आपरेशन की सलाह दी गई।
गरीबी का दिया हवाला कहा नहीं है पैसे
उसने अपनी गरीबी का हवाला दिया और कहा कि अभी इलाज के लिए पर्याप्त रकम नहीं है, बाद में इलाज करा लेगा, लेकिन बालाजी अस्पताल से लगातार फोन कर उस पर दबाव बनाया गया कि मरीज की हालत बहुत ज्यादा क्रिटिकल है, तुरंत आपरेशन नहीं हुआ तो जान पर खतरा बढ़ जाएगा।
अजय देवदास ने कहा कि अस्पताल के जिम्मेदार लोगों के कहने पर उनकी बात मानकर वो 9 सितंबर की रात को ही पत्नी को अस्पताल ले आया, जहां खुले चर्चा में बताया गया कि आपरेशन, दवाई सहित बेड वगैरा का 25 हजार रुपए लगेगा, उनकी बात पर भरोसा कर उसने पहले 10 हजार फिर 5 हजार रुपए जमा भी कर दिया, लेकिन तीन दिन बाद 12 सितंबर को अचानक अस्पताल प्रबंधन द्वारा 65 हजार रुपए जमा करने कहा गया। उसके असमर्थता जाहिर करने पर पत्नी का इलाज बंद कर दिए हैं।
गंडई में कराया चेक फिर खैरागढ़ अस्पताल से मरीज को लाने लगातार आने लगा फोन
गंडई स्थित बालाजी डायग्नोसिस में सोनोग्राफी कराने के बाद तुरंत ऑपरेशन की सलाह दी गई। इसके बाद उन्ही के खैरागढ़ स्थित बालाजी हॉस्पिटल से लगातार फोन कर दबाव बनाया गया कि देर करने पर खतरा बढ़ जाएगा।
इस बीच परिजनों ने अपनी आर्थिक परिस्थिति ठीक नहीं होने की बात कही जिसके बाद उन्हें मरीज भर्ती के समय पूरे इलाज का खर्च 25 हजार रुपये बताया गया था। लेकिन 12 सितंबर को अचानक 65,600 रुपये की मांग कर दी गई।
रोक दिया इलाज
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण जब परिजन ने आपत्ति जताई, तो डॉक्टर और प्रबंधन ने इलाज बीच में रोक दिया और कहा कि पैसा जमा करने पर ही उपचार जारी होगा। अजय देवदास का आरोप है कि अस्पताल की इस हरकत से उनकी पत्नी असहनीय पीड़ा झेल रही है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई और उचित उपचार की मांग की है, वहीं, दूसरी ओर बालाजी हॉस्पिटल प्रबंधन का कहना है कि मरीज को अभी डिस्चार्ज नहीं किया गया है। उनकी स्थिति क्रिटिकल थी और ब्लड की कमी भी पाई गई थी।
