फर्जीवाड़़े की पड़ताल: 10 अफसर नहीं करवा रहे अपने दिव्यांगता सर्टिफिकेट की जांच
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 रायपुर // राज्य सेवा के अफसर-कर्मियों की दिव्यांगता सर्टिफिकेट के फर्जीवाड़़े की पड़ताल चल रही है। हाईकोर्ट ने 14 अफसर-कर्मियों को राज्य मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होकर दिव्यांगता की जांच कराने के आदेश दिए थे।

मंगलवार को नियत तिथि के आखिरी दिन तक मात्र 4 अफसर-कर्मी बोर्ड के सामने प्रस्तुत हुए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद भी 10 अफसर-कर्मियों ने अपनी जांच नहीं कराई है। इस प्रकरण पर 10 तारीख को कोर्ट में सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट में दायर की गई थी याचिका
राज्य सेवा के सवा सौ अफसर-कर्मियों की दिव्यांगता सर्टिफिकेट पर उंगलियां उठाई गई थी। इन सब पर फर्जी सर्टिफिकेट हासिल कर नौकरी पाने का आरोप है। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी।
हाईकोर्ट ने 14 अफसर-कर्मियों को राज्य मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होकर जांच कराने के आदेश दिए थे। यह भी आदेश दिया गया था कि मेडिकल जांच वर्ष-2016 के अधिनियम के तहत निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाएगी, साथ ही इसकी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिया गया था। Disability Certificate
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इन्हे जांच के लिए कहा था राज्य मेडिकल बोर्ड ने
बताया गया कि जिन अफसर-कर्मियों को राज्य मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होकर जांच कराने के आदेश दिए गए थे, उनमें डॉ.राजकुमार जायसवाल, पशुधन विभाग, श्वेता देवी पांडेय, महिला बाल विकास, दिलीप कुमार साहू, शिक्षा विभाग, पूजा पहारे, उद्यानिकी, संजय कुमार मरकाम, सामान्य प्रशासन, जितेन्द्र कुमार कोसले, उद्यानिकी, राहुल पटले, उद्यानिकी, कैलाश कुमार धनगर, जल संसाधन, जंगबहादुर, वित्त विभाग, रविन्द्र गुप्ता, शिक्षा विभाग, विकास कुमार सोनी, शिक्षा विभाग, श्रीमती जागृति सिंह, आर्थिक सांख्यिकी विभाग, उमेश कुमार राजपूत, विधि और शांतनु सिंह, कृषि विभाग हैं।
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Investigation of fraud: 10 officers are not getting their disability certificates verified
