कहीं संपूर्ण तो कहीं आंशिक बंद, जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने रायपुर महाबंद का किया था आह्वान
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 रायपुर // छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के मुखिया सहित पांच हजार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद भी रायपुर महाबंद को पार्टी ने सफल बताया।
दरअसल जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने रायपुर महाबंद का आह्वान किया था। जिसपर कहीं संपूर्ण तो कहीं आंशिक बंद रहा। छत्तीसगढ़ महतारी मूर्ति तोड़े जाने के विरोध में हुआ जंगी प्रदर्शन हुआ। जिसमे चेंबर आफ कामर्स ने बंद का समर्थन नहीं किया, बावजूद स्वस्फूर्त रायपुर बंद रहा।
वीआईपी चौक, तेलीबांधा स्थित छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को तोड़ दिये जाने के विरोध में जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने 31 अक्टूबर को रायपुर महाबंद का ऐलान किया था । डंगनिया के चंद्राकर छात्रावास में लगभग पांच हजार की संख्या में एकत्र हुए पार्टी कार्यकर्ता बंद की शांतिपूर्ण अपील करने निकलने ही वाले थे तभी भारी पुलिस बल के द्वारा छात्रावास को सैनिक छावनी बना दिया गया ।
पुलिस प्रशासन के द्वारा सभी बड़े नेताओं एवं हजारों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके अस्थायी जेल में कैद कर लिया गया । उसी समय शहर के अधिकांश क्षेत्रों से स्वस्फूर्त बंद की खबरे आने लगी । चूंकि यह मामला धार्मिक आस्था से जुड़ा था जेसीपी नेतृत्व एवं मातृ संगठन छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने परम पूज्य गुरु बाबा घासीदास के कदमों में चलते हुए अस्थायी जेल में ही भजन कीर्तन चालू कर दिया जो उनके जमानत होने तक चलता रहा ।

शहर के लाखेनगर, सुंदर नगर, डंगनिया, रायपुरा ,अमलेश्वर जैसे सघन भीड़भाड़ वाले क्षेत्र संपूर्ण बंद रहे, आम दिनो की भीड़भाड़ नदारद रही । छत्तीसगढ़ के गांवो से खरीदारी या अन्य कार्यों के लिए राजधानी आने वाले ग्रामीणों ने भी अपने दौरे इस दिन स्थगित रखे ।
शहर में चर्चा का विषय था कि शीर्ष नेताओं और प्रमुख कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी तथा छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स के असहयोग के बाद भी बंद का व्यापक असर देखने को मिला । लोगों ने छत्तीसगढ़ से जुड़े इतने बड़े मुद्दे पर चेंबर ऑफ कामर्स के नकारात्मक रवैये पर आक्रोश व्यक्त किये ।
अंत में प्रशासन ने जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के घटनास्थल में छत्तीसगढ़ महतारीं के विशालकाय कांसे की मूर्ति बनाने की मुख्य मांग सहित अन्य मांगों को भी पूर्ण करने की घोषणा करते हुए सभी बंदियों की निशर्त रिहाई का आदेश पारित किया ।


