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विश्वविद्यालय में आयोजित 10 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कलात्मक शिविर का हुआ समापन

विश्वविद्यालय में आयोजित 10 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कलात्मक शिविर का हुआ समापन
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विश्वविद्यालय में आयोजित 10 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कलात्मक शिविर का हुआ समापन

  • प्रशिक्षित नन्हे छात्रों ने गीत, संगीत व नृत्य की दी प्रस्तुति
  • प्रमाण पत्र लेकर नन्हें छात्रों के खिले चेहरे
  • आयोजन को लेकर पालकों में भी दिखा उत्साह, शिविर की सराहना की

छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़//  इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में आयोजित 10 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कलात्मक शिविर निःशुल्क समर कैंप का समापन शुक्रवार 16 मई को विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. लवली शर्मा के मुख्य आतिथ्य में हुआ। 

आसपास के विद्यार्थीयों ने सीखा कलाकारी 

राज्यपाल एवं कुलाधिपति रामेन डेका द्वारा उद्घाटित इस शिविर में विश्वविद्यालय के गोद ग्राम दिलीपपुर, कोहकाबोड़, देवारीभाट के अलावा खैरागढ़ नगर एवं आसपास ग्रामीण क्षेत्र के कक्षा चौथी से लेकर दसवीं तक के विद्यार्थियों ने विभिन्न कलाओ का प्रशिक्षण प्राप्त किया। IKSV

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इस शिविर में भरतनाट्यम विभाग में 13, कत्थक विभाग में 31, लोक संगीत में 16, मूर्तिकला में 32, तबला में 45, गायन में 13 तथा चित्रकला में 116 स्कूली विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। IKSV

ललित कला के प्रति छोटे बच्चों में बड़ी ललक : कुलपति 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि ललित कला के प्रति इन छोटे बच्चों में बड़ी ललक है, पालकगण भी बड़े उत्साह से इन बच्चों को प्रतिदिन विश्वविद्यालय लाते और ले जाते रहे हैं। कम समय में भी हमारे गायन, वादन, नृत्य, मूर्तिकला व चित्रकला के गुणी शिक्षकों एवं संगीतकारों व शोधार्थीगणों ने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा दी। उन्होंने सभी छात्रों को अपने अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और आवश्यकता पड़ने पर हमेशा बच्चों का सहयोग करने की बात कही।विश्वविद्यालय में आयोजित 10 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कलात्मक शिविर का हुआ समापन

प्रशिक्षण के बाद समापन में दी प्रस्तुति.. गूंज उठा पूरा प्रेक्षागृह

समापन कार्यक्रम के दौरान तबला वादन के प्रशिक्षित विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक तबला वादन की प्रस्तुति दी गई जिसके बाद गायन विभाग के प्रशिक्षुओं ने सामूहिक गीत की प्रस्तुति दी। सामूहिक गीत के बाद भरतनाट्यम एवं कथक विभाग के प्रशिक्षित विद्यार्थियों ने सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी। अंत में लोक संगीत के प्रशिक्षार्थियों द्वारा पंथी गीत एवं सुआ नृत्य की प्रस्तुति दी गई। उक्त सभी प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब सराहा एवं तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा प्रेक्षागृह गूंज उठा।

विश्वविद्यालय में आयोजित 10 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कलात्मक शिविर का हुआ समापन

शिविर के बाद मिले प्रमाण पत्र

प्रशिक्षार्थियों की प्रस्तुति के बाद कुलपति ने सभी छात्रों को प्रमाण पत्र का वितरण किया वहीं गर्मी के मौसम में कड़ी धूप से बचने बच्चों को सफेद रंग की टोपी का भी वितरण किया गया। प्रमाण पत्र लेकर बच्चों के चेहरे खिल उठे मानों उन्हें जीवन का कोई अमूल्य उपहार मिल गया हो। उक्त 10 दिवसीय कलात्मक शिविर की पालकों ने खूब प्रशंसा की और कुलपति सहित पूरे विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार जताया।

कार्यक्रम के पश्चात कुलपति ने मूर्तिकला एवं चित्रकला विभाग के प्रशिक्षित विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई विभिन्न कलाकृतियों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया जिसकी उन्होंने खूब प्रशंसा की। समापन समारोह में अधिष्ठातागण विभाग अध्यक्ष, शिक्षकगण, ग्रामीणजन, नगरवासी एवं शोधार्थी सहित बड़ी संख्या में दर्शकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने कुलसचिव प्रेम कुमार पटेल, सहायक कुलसचिव विजय सिंह व अन्य का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ.देवमाईत मिंज एवं आभार व्यक्त प्रो. राजन यादव ने किया।

नगर को विश्वविद्यालय से जोड़ने एक प्रयास

बता दें की लगातार कला की नगरी ही विश्वविद्यालय से दूर होता जा रहा था जो कि नई कुलपति मिलने के बाद नगर को फिर विश्वविद्यालय को जोड़ने एक प्रयास सफल साबित हो रहा है। 




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