दुर्ग/रायपुर// सिटी बसों के रूट को लेकर निजी बस संचालकों के ऐतराज के बाद रविवार को जमकर बवाल हुआ। दुर्ग बस स्टैंड से सिटी बस में यात्रियों को बैठाने को लेकर निजी बस संचालक भड़क गए और उन्होंने सिटी बस का रास्ता रोक दिया। 8 घंटे तक 100 से ज्यादा बसें रद्द रहीं, जिससे 5000 से ज्यादा यात्री फंस गए।
जनहित के इस कार्य की शुरूआत होते ही निजी बस संचालक इसके विरोध में उतर आए। वह लोग सिटी बस सेवा शुरू होने के विरोध में रविवार सुबह से दुर्ग जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया। ट्रांसपोर्टरों ने दुर्ग बस स्टैंड में सिटी बस का रास्ता रोकने की कोशिश भी की, लेकिन दुर्ग पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया।

वाही सिटी बसों का दोबारा रास्ता रोकने पर पुलिस द्वारा कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। वहीं निजी बसों के मालिकों ने नियमानुसार इसका संचालन नहीं करने पर सिटी बसों को नहीं चलने देने की धमकी दी है। विवाद की जानकारी मिलने पर दुर्ग विधायक अरुण वोरा ने बस मालिकों और जिला प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा की। निजी ऑपरेटर्स का कहना है कि सिटी बस संचालक रूट से अलग शहर के भीतर व बस स्टैंड से सवारियां ले रहे हैं। जिससे उक्त समय पर परमिट लेकर बस चलाने वालों को नुकसान हो रहा है।
ऐसे समझें दोनों में अंतर |
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सिटी बस: ये बसें पूरी तरह एसी हैं। इनका संचालन रायपुर एयरपोर्ट से दुर्ग तक होता है। ये शहर के यात्रियों को निर्धारित बस स्टॉप से बैठाते हुए निकलती हैं। | निजी बस: ये बसें मुख्यत: अंतरजिला बसें हैं और इनका संचालन एक जिले के बस स्टैंड से दूसरे जिले के बस स्टैंड तक होता है। बीच में रुकते हुए जाती हैं। |
अंतर: सिटी बसों में निजी बसों से किराया ज्यादा है। सिटी बसें एसी है और लग्जरी है इसलिए यात्रियों की दिलचस्पी ज्यादा है। |
