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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च ही क्यों?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025: 8 मार्च ही क्यों?
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च ही क्यों?

  • 1910 में क्लारा ज़ेटकिन नाम की एक महिला ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद रखी थी.
  • जब क्लारा ज़ेटकिन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया था, तो उनके ज़ेहन में कोई ख़ास तारीख़ नहीं थी.
  • अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस तो 1917 में जाकर तय हुआ था, जब रूस की महिलाओं ने ‘रोटी और अमन’ की मांग करते हुए, ज़ार की हुक़ूमत के ख़िलाफ़ हड़ताल की थी.
  • इसके बाद ज़ार निकोलस द्वितीय को अपना तख़्त छोड़ना पड़ा था.
  • उसके बाद बनी अस्थायी सरकार ने महिलाओं को वोट डालने का अधिकार दिया था.
  • अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहचान अक्सर जामुनी रंग से होती है क्योंकि इसे ‘इंसाफ़ और सम्मान’ का प्रतीक माना जाता है.अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025: 8 मार्च ही क्यों?
  • अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की वेबसाइट के मुताबिक़, जामुनी, हरा और सफ़ेद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रंग हैं.
  • वेबसाइट के मुताबिक़, ‘जामुनी रंग इंसाफ़ और सम्मान का प्रतीक है. हरा रंग उम्मीद जगाने वाला है, तो वहीं सफ़ेद रंग शुद्धता की नुमाइंदगी करता है.’Why is International Women’s Day only on 8th March?



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