कोलकाता // एक अस्पताल ने बांग्लादेशियों के इलाज पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को कोलकाता के एक अस्पताल ने बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की है कि वह बांग्लादेश के मरीजों का इलाज नहीं करेगा, क्योंकि पड़ोसी देश में भारतीय ध्वज का अपमान किया गया है।
भारत के अपमान के बाद लिया फैसला
बांग्लादेश में बिगड़ते हालात, हिंदुओं मंदिरों की तोड़-फोड़, और हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बीच कोलकाता के मनिकतला इलाके में स्थित जेएन रे अस्पताल ने शुक्रवार को यह घोषणा किया कि बांग्लादेश के मरीजों का इलाज नहीं करेगा। दरअसल बांग्लादेश में इस साल अगस्त में शेख हसीना को सरकार से हटाए जाने के बाद से हिंद और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को कट्टरपंथी इस्लामवादियों के हाथों बढ़ते अत्याचारों का सामना करना पड़ रहा है।
अब बांग्लादेशी मरीजों का नहीं होगा इलाज
अस्पताल के अधिकारी सुभ्रांशु भक्त ने मीडिया से कहा कि , ‘हमने एक अधिसूचना जारी की है कि आज से अनिश्चित काल तक हम किसी भी बांग्लादेशी मरीज को उपचार के लिए भर्ती नहीं करेंगे। यह मुख्य रूप से भारत के प्रति उनके अपमान के कारण ह। ‘ उन्होंने शहर के अन्य अस्पतालों से भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार के विरोध में ऐसा ही करने का आग्रह किया।
अस्पताल के अधिकारी सुभ्रांशु भक्त के मुताबिक, तिरंगे का अपमान होते देख हमने बांग्लादेशियों का इलाज बंद करने का फैसला किया है. भारत ने उनकी स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन इसके बावजूद हम भारत विरोधी भावनाओं को देख रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अन्य अस्पताल भी हमारा समर्थन करेंगे और इसी तरह के कदम उठाएंगे।
बांग्लादेश पर भारत की नजर
बांग्लादेश में हाल ही में हुए घटनाक्रमों ने देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर व्यापक चिंताएं पैदा कर दी हैं। शुक्रवार को, विदेश मंत्रालय (MEA) ने बांग्लादेश में हाल ही में “चरमपंथी बयानबाजी में वृद्धि” पर प्रकाश डाला और मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से “सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा” की अपनी ज़िम्मेदारी निभाने का आह्वान किया। साभार .. इनपुट भाषा से भी . .
A hospital that banned the treatment of Bangladeshis