किसानों के आंदोलन का असर: मोंथा तूफान से फसल नुकसान पर प्रशासन हरकत में, अब संयुक्त दल करेगा सर्वे

छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़ // हाल ही में आए मोंथा तूफान और चक्रवाती वर्षा ने जिले के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कई ग्रामों में धान, सोयाबीन और साग-सब्जी की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। किसानों से लगातार प्राप्त सूचनाओं के अनुसार कई स्थानों पर खड़ी फसलें गिर गईं, जबकि कटाई के बाद खेतों में रखी उपज भी करपा से खराब होने की आशंका जताई जा रही है।
किसानों के लगातार विरोध और बीते दिनों विधायक यशोदा वर्मा की अगुवाई में हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय के घेराव के बाद आखिरकार प्रशासन हरकत में आया है। अब जिले में प्रभावित फसलों के सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रशासन ने फसलों की क्षति का आकलन करने के लिए संयुक्त निरीक्षण दल का गठन किया है। इस दल में संबंधित हल्का पटवारी, ग्राम कृषि विस्तार अधिकारी, विकासखंड स्तरीय बीमा कंपनी के प्रतिनिधि तथा कृषक मित्र को सदस्य बनाया गया है।
संयुक्त दल प्रभावित ग्रामों में जाकर फसलों की क्षति का निरीक्षण, मूल्यांकन और निर्धारण करेगा। निर्धारित प्रक्रिया के तहत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के अंतर्गत पात्र कृषकों को लाभ दिलाने की कार्रवाई की जाएगी।
अपर कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि संयुक्त दल सभी प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर 7 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि किसानों को शीघ्र राहत प्रदान की जा सके।
Farmers’ protest impacts: Administration responds to crop damage caused by Cyclone Montha, with a joint team conducting a survey.


