छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़ // अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता- सहायिकाओं की नाराजगी बढ़ गई है। वे 14 फरवरी को कलेक्टोरेट का घेराव करने की चेतावनी दी है। उन्होंने इसकी सूचना प्रशासन को दे दी है। Anganwadi
संघ की सदस्य लता तिवारी, पिंकी ठाकुर,रत्ना साहू ने बताया कि इतने दिनों से हमारी जायज मांगों के लिए हड़ताल की जा रही है, लेकिन शासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिसके कारण संघ में शासन के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है।.
उनकी मांग है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित होने तक कलेक्टर रेट से मानदेय दिया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के शत-प्रतिशत रिक्त पदों पर पर्यवेक्षक एवं सहायिकाओं को कार्यकर्ता बनाना चाहिए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राथमिक शिक्षक का दर्जा दिया जाना चाहिए। मिनी आंगनवाड़ी को पूर्ण आंगनवाड़ी बनाया जाना चाहिए। गनबाड़ी कार्यकर्ताओ को 5 लाख व सहायिकाओं को 3 लाख रूपये रिटायरमेंट के बाद दिया जाए एवं मासिक पेंशन ग्रेज्युटी दिया जावे। Anganwadi workers-helpers
बता दें कि नया जिला केसीजी में 647 आंगनबाड़ी केंद्र है। हड़ताल की वजह से इन केंद्रों में व्यवस्था चरमरा गई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हड़ताल में होने के कारण आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन, पर्यवेक्षकों के माध्यम करने निर्देश दिए।
नवगठित जिला खैरागढ़- छुईखदान-गंडई कलेक्टर डॉ.जगदीश सोनकर की अध्यक्षता में महिला बाल विकास की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने कुपोषण नियंत्रण में मिलेट्स (कोदो-कुटकी, रागी आदि) की प्रभावी भूमिका को देखते हुए, आश्रमों एवं मध्याह्न भोजन में मिलेट्स को शामिल करने कुपोषित बच्चों तथा एनीमिक महिलाओं को भी शामिल करने के निर्देश दिए है।
जिले में संचालित 647 आंगनबाड़ी केन्द्रो का संचालन किया जा रहा है। जिले में कुपोषण की दर 13.73 प्रतिशत है। अपने क्षेत्र में गंभीर कुपोषित, मध्यम कुपोषित बच्चों पर विशेष रूप ध्यान देने हेतु निर्देश जारी किया गया । 10 दिन के अभियान के माध्यम से गंभीर कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य में सुधार करने हेतु रेडी-टु-ईट, भोजन, दवाइयां उपलब्ध कराने कहा गया है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को खेल-कूद, गीत, कविता, रोचक कहानी, स्मार्ट टीवी के माध्यम से अच्छे वातावरण में शिक्षा प्रदान करने निर्देशत किया गया।आंगनबाड़ी केन्द्रो का विभाजन हाईवे आंगनबाड़ी केन्द्रों, मेन रोड आंगनबाड़ी केन्द्रों और ग्रामीण आंगनबाड़ी में करने हेतु निर्देशित किया गया।