श्रद्धा, संस्कृति और प्रकृति के ताने-बाने से बुना एक अनुपम पर्व, मंडीपखोल पारंपरिक देव जात्रा एवं महोत्सव
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 ठाकुरटोला,खैरागढ // जिले में ऐतिहासिक मंडीपखोल पारंपरिक देव जात्रा एवं महोत्सव मे श्रद्धालु भारी संख्या मे पहुंचे और दर्शन के साथ ही एडवेंचर का आनंद लिया। सुबह 3.00 बजे से लेकर शाम 6.00 बजे श्रद्धालु का आवागमन लगातार रहा। इस दौरान समिति एवं प्रशासन ने शांतिपूर्वक दर्शन मे विशेष व्यवस्था प्रबंध किए।
विधि-विधान से पूजा कर खोले गए प्रवेश द्वार
ठाकुरटोला राजा के द्वारा पारंपरिक रुप से विधि-विधान से पुजा करने पश्चात सभी जनमानस के लिए प्रवेशद्वार खोला जाता है। दर्शनार्थी गुफा के अंदर बने की तंग गली से होकर बडी गुफा व बने विभिन्न संरचनाओ का दर्शन करते है, दर्शनार्थियो को स्वयं से टार्च लेकर जाना होता है।

एडवेंचर से कम नहीं है गुफा
यह गुफा विशाल लंबाई और रहस्यमयी संरचना के लिए प्रसिद्ध है। जंगल रास्ते से गुजरते हुए एक ही नदी को 16बार पार करना, विशाल गुफा के आंतरिक रहस्यमय बनावट का प्राकृतिक सौंदर्य, रोमांच और आध्यात्मिक आनंद का अनूठा संगम प्रदान करता है।

यह वर्ष मे एक बार खुलने वाली गुफा है। अक्ति त्यौहार (अक्षय तृतीय) के बाद प्रथम सोमवार को खुलता है।
मंडीपखोल, ठाकुरटोला जमीदार पुलस्त्य राज का पारंपरिक देव स्थल है। जिसकी मान्यता है कि मध्य भारत व किसान संस्कृति कि किसानी बच्छर (वर्ष) का प्रमुख व प्रथम परब “अक्ति तिहार” मे ठाकुरदेव का सेवा अर्जी कर फसलोत्पादन हेतु बीज गाड़ा लाकर खेती कार्य आरंभ करने के पुर्व क्षेत्रवासी मंढीपखोल बाबा से अच्छी फसल प्राप्त करने व खुशहाल खेती के लिए जोहारभेंट करते है।
इस वर्ष, देव का प्रत्यक्ष प्रमाण यह देखा गया कि जिन लोग मदिरापान किए थे या सुगंधित इत्र लगाए थे या अनुशासनहीनता करने का प्रयास कर रहे थे उन्हे भांवरदाई (मधुमक्खी) द्वारा कांटा गया। जबकि प्रवेश गेट से ही संरक्षण गण के निर्देशानुसार से समिति सदस्यो द्वारा ऐसे लोगो के प्रवेश के मे कड़ी नजर रखी जा रही थी। इनकी ईलाज हेतु मौका मे उपस्थित चिकित्सक दल छुईखदान द्वारा ईलाज किया गया।
यह महोत्सव श्रद्धा, संस्कृति और प्रकृति के ताने-बाने से बुना एक अनुपम पर्व है, जो लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ने और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरने का कार्य करता है। प्रशासन एवं आयोजन समिति द्वारा श्रद्धालुओं की आवागमन को सुखद बनाने की प्रबंध किया गया।
मंडीप खोल सेवा समिति द्वारा महोत्सव के बाद क्षेत्र मे फैले प्लास्टिक व कचरा सफाई का अभियान चलाया गया। जिसमे वन क्षेत्र व नदी किनारे से प्लास्टिक कचरा व अन्य अवशिष्ट सामग्री को एकत्र कर सफाई किया गया।
ठाकुर डोगेंद्र सिंह, मंडीपढीप खोल सेवा समिति-कार्यकारिणी अध्यक्ष
Mandhipakhol Traditional Dev Yatra and Festival, a unique festival woven from the fabric of faith, culture and nature.


