बारों में ‘बहार’, दुकानों में ‘सूखा’.. सरकारी शराब दुकानों से प्रचलित ब्रांड्स गायब
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 रायपुर // शराब की तस्करी रोकने शासन स्तर पर जहां एक ओर कीमत कम की गई है, वहीं सभी दुकानों में शराब का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने आबकारी विभाग को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके विपरीत राजधानी की ज्यादातर शराब दुकानों में प्रचलित ब्रांड की शराब तथा बीयर का टोटा है। बार में सभी तरह की बियर तथा व्हिस्की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
शराब दुकानों का जायजा लेने पर कुछ चुनिंदा दुकानों में मैकडॉवेल, नंबर वन जैसे प्रचलित ब्रांड की उपलब्धता तो है, लेकिन मांग के अनुरूप स्टॉक नहीं है। इस संबंध में शराब दुकान के कर्मचारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि ग्राहकों की मांग के अनुरूप ब्रांड की सूची वे संबंधित एजेंसी को देते हैं, लेकिन उनकी मांग के अनुरूप शराब की आपूर्ति नहीं हो पाती। इसके चलते ग्राहक विकल्प के रूप में किसी दूसरे ब्रांड की शराब लेने विवश होते हैं। हालांकि इस संबंध में आबकारी विभाग के अफसरों का कहना है कि महीने के प्रथम सप्ताह में चर्चित ब्रांड की शराब के स्टाक में कमी हो सकती है। बाकी दिनों में पर्याप्त मात्रा में सभी ब्रांड की शराब मिलने का उन्होंने दावा किया।![]()
शहर की अलग अलग चर्चित ब्रांड्स का टोटा
शहर की ज्यादातर शराब दुकानों में व्हिस्की में मैकडॉवेल नंबर वन के साथ ही आरएस, आरसी, आईबी, एसी नीट, सिग्नेचर, ब्लेंडर स्प्राइड, ओक स्मिय, ब्लैक एंड व्हाइट, जैमसन के साथ ही एंटी क्यूटी, एटपीएम ब्लैक, एसी ब्लैक जैसे ब्रांड की व्हिस्की नहीं मिल पा रही है। इसी तरह से बियर में लोगों को हैवर्ड फइव थाउजेंड, बटवाइजर जैसे चर्चित ब्रांड की बियर नहीं मिल रही है। रम की डिमांड गर्मी के बजाय ठंड के दिनों में ज्यादा रहती है, ऐसे में गर्मी के दिनों में रम पीने वालों को उनकी पसंद के शराब नहीं मिल पा रही है।


