Breaking
Sat. Nov 8th, 2025

क्रूड ऑयल बिगाड़ सकता है शेयर बाजार का मूड..

Crude oil can spoil the mood of the stock market .. क्रूड ऑयल बिगाड़ सकता है शेयर बाजार का मूड..
खबर शेयर करें..

मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने के साथ ही क्रूड ऑयल के मार्केट में भी बड़ा उथल-पुथल देखने को मिला। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें एक झटके में 4 फीसदी बढ़ गईं। ईरान ने इस साल दूसरी बार इजरायल पर सीधा मिसाइल हमला किया है। इससे पहले तक बाजार ईरान और इजरायल के बीच किसी बड़ी लड़ाई की आशंका को नजरअंदाज कर रहे थे, लेकिन हालिया घटनाओं ने इस टकराव के बढ़ने की संभावनाओं को जन्म दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्रेंट क्रूड की कीमतें 85 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर जाती है, तो शेयर बाजार में 15% तक की बड़ी गिरावट आ सकती है। Iran Israel War

DRChoksey FinServ के मैनेजिंग डायरेक्टर, देवन चोक्सी ने कहा कि बाजार में निकट भविष्य में 10 से 15% की गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि तकनीकी स्तर कमजोर हो चुके हैं और बाजार इस समय ‘ओवरबॉट’ की स्थिति में है। इसके अलावा, SEBI की ओर से F&O नियमों में बदलाव और चीन के नए आर्थिक ऐलानों का असर भी बाजार के सेंटीमेंट पर देखने को मिलेगा।

HDFC Securities के रिटेल रिसर्च हेड, दीपक जसानी ने भी इसी तरह की राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि बाजार पिछले कुछ दिनों से पहले से ही करेक्शन के दौर में जा चुका है और शॉर्ट-टर्म में इसमें 6% तक की गिरावट आ सकती है। जसानी ने कहा कि अगर क्रूड ऑयल के दाम में 10 डॉलर तक का इजाफा होता है, तो इससे महंगाई और राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर चिंताएं यह बढ़ सकती हैं। यह बाजार में और बड़ी गिरावट का कारण बन सकता है। Iran Israel War

सोशल मिडिया से जुड़ने क्लिक करें..

भारतीय इकोनॉमी पर असर 

आर्थिक तौर पर, तेल की कीमतों में हर 10 डॉलर की बढ़ोतरी से भारत का चालू खाता घाटा 0.55 प्रतिशत बढ़ जाता है और कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) 0.3 प्रतिशत बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि देश के इंपोर्ट बिल में क्रूड ऑयल का बड़ा हिस्सा होता है। इससे विदेशी भंडार भी कम हो जाएगा, रुपये की वैल्यू में कमी आएगी और इंपोर्ट लागत बढ़ेगी। इससे कॉरपोरेट मुनाफे में कमी आएगी, जो बाजार में गिरावट का कारण बन सकती है।

हालांकि Geojit Financial Services के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार ने कहा कि जब तक ब्रेंट की कीमतों में 10 डॉलर प्रति बैरल की तक की बढ़ोतरी नहीं होती, तब तक बाजार इन पहलुओं को नजरअंदाज करेगा। पिछले महीने ब्रेंट की कीमतों में 9% की गिरावट आई थी, जो नवंबर 2022 के बाद से सबसे बड़ी मंथली गिरावट थी। Iran Israel War Crude oil can spoil the mood of the stock market .. क्रूड ऑयल बिगाड़ सकता है शेयर बाजार का मूड..

क्रूड ऑयल का दाम बढ़ने से किन सेक्टर पर होगा असर?

Motilal Oswal के एनालिस्ट्स के मुताबिक, क्रूड ऑयल का दाम बढ़ने से सबसे अधिक असर पेंट्स, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) और एविएशन इंडस्ट्री पर देखने को मिल सकता है।

पेंट्स: तेल-आधारित कच्चे माल की लागत बढ़ने से एशियन पेंट्स, बर्जर पेंट्स और नेरोलैक पेंट्स जैसी कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ेगा।

ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMCs): कच्चे तेल का दाम बढ़ने से IOC, BPCL और HPCL जैसी कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी, जिससे उनके मुनाफे पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

एविएशन: जेट फ्यूल की कीमतें बढ़ने से इंडिगो और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस को कारोबारी लागत में इजाफा का सामना करना पड़ेगा, जिससे उन्हें किराया बढ़ाने और लाभ बनाए रखने के बीच संतुलन बनाना होगा।


खबर शेयर करें..

Related Post

error: आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !!
rajyotsav modi ad