SBI Home Loan Rate Cut: देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने विभिन्न लोन पर ब्याज दर कम करने की घोषणा की है। इसका मतलब यह है कि अब होम लोन लेने वालों के लिए EMI का भुगतान करना आसान हो जाएगा। आज की इस खबर में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं, आइए जानते हैं इसके बारे में…
SBI home loan interest rate cut
एसबीआई ने विभिन्न लोन पर लागू अपनी बाहरी बेंचमार्क-आधारित उधार दर (EBLR) और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को कम करने की घोषणा की है। हालांकि, बैंक ने अपनी सीमांत लागत-आधारित उधार दरों (MCLR), बेस रेट और बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) में कोई बदलाव नहीं किया है।

1 अक्टूबर, 2019 से एसबीआई ने अपने फ्लोटिंग-रेट होम लोन के लिए बाहरी बेंचमार्क के रूप में रेपो रेट को अपनाया है। पिछले सप्ताह केंद्रीय बैंक द्वारा अपनी एमपीसी बैठक में रेपो दर में 25 आधार अंकों (BPS) की कटौती करके 6.50% से 6.25% करने की घोषणा के बाद आया है। संशोधित ब्याज दरें 15 फरवरी, 2025 से प्रभावी होंगी यानी आज से लागू हो गई है।
सभी फ्लोटिंग-रेट होम लोन की ब्याज दरें बाहरी बेंचमार्क से जुड़ी होंगी।
ये हैं बदलाव:
- पिछला EBLR: 9.15% + CRP + BSP
- संशोधित EBLR: 8.90% + CRP + BSP
SBI ने EBLR में 0.25% (25 आधार अंक) की कटौती की है यानी EBLR से जुड़े ऋण (जैसे होम लोन, पर्सनल लोन और अन्य रिटेल लोन) वाले उधारकर्ताओं को कम ब्याज दर का लाभ मिलने की संभावना है। इससे EMI कम होगी या रिपेमेंट अवधि कम होगी।
रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट
- पिछला RLLR: 8.75% + CRP
- संशोधित RLLR: 8.50% + CRP
इसी तरह, SBI ने RLLR में 0.25% (25 आधार अंक) की कटौती की है। चूंकि RLLR सीधे आरबीआई की रेपो दर से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस दर में कमी का मतलब है कि आरएलएलआर से जुड़े ऋण वाले ग्राहकों के लिए कम उधारी लागत, जिसमें गृह ऋण और व्यवसाय ऋण शामिल हैं।
उधारकर्ताओं पर प्रभाव?
EBLR या RLLR से जुड़े फ्लोटिंग-रेट लोन में ब्याज दरों में कमी देखी जाएगी। इससे EMI कम होगी या रिपेमेंट अवधि कम होगी।
Disclaimer: पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह व सुझाव जरूर लेवें .. यह लेख मात्र जानकारी है। source ET Now Swadesh
