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भंडारपुर में पेयजल संकट चरम पर: पानी के लिए हाहाकार, प्रशासन से समाधान की गुहार

भंडारपुर में पेयजल संकट चरम पर: पानी के लिए हाहाकार, प्रशासन से समाधान की गुहार
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भंडारपुर में पेयजल संकट चरम पर: पानी के लिए हाहाकार, प्रशासन से समाधान की गुहार

छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7  खैरागढ़// जिला केसीजी। तहसील खैरागढ़ के ग्राम भंडारपुर में पेयजल संकट इस कदर गहरा गया है कि ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। गिरते जलस्तर और जलस्रोतों के सूखने से गांव में पानी की भारी किल्लत हो गई है। मजबूरी में लोग खेतों में लगे निजी बोरवेल से बैलगाड़ी, साइकिल और अन्य साधनों के माध्यम से पानी लाने को विवश हैं। महिलाओं और बच्चों को लंबी दूरी तय कर पीने का पानी जुटाना पड़ रहा है, जिससे उनका दैनिक जीवन बेहद कठिन हो गया है। ग्राम पंचायत भंडारपुर ने पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए शासकीय भूमि (खसरा नंबर 265, ग्राम बनबोड) में बोर खनन कर पाइपलाइन के माध्यम से जलापूर्ति की योजना बनाई थी।

इस कार्य के लिए 27 मार्च 2025 को बोरिंग मशीन भी बुला ली गई थी, लेकिन ग्राम बनबोड के कुछ निवासियों ने इसका विरोध कर बोरिंग कार्य जबरन रुकवा दिया। स्थिति बिगड़ती देख मौके पर थाना प्रभारी और हल्का पटवारी पहुंचे और मामले को शांत कराने का प्रयास किया। लेकिन ग्राम बनबोड के लोगों ने भंडारपुर को पानी देने से साफ इनकार कर दिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि बनबोड के लोगों ने यहां तक धमकी दे दी कि वे भंडारपुर को एक बूंद पानी भी नहीं देंगे। ग्राम भंडारपुर के लोगों का कहना है कि कंप्यूटराइज्ड जांच में उक्त स्थल पर पर्याप्त जलस्तर पाया गया है, फिर भी विरोध के कारण बोरिंग नहीं हो पा रहा है।

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ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि तीन दिनों के भीतर शासकीय भूमि में बोर खनन कराया जाए, अन्यथा वे उग्र आंदोलन करेंगे। गांव के सैकड़ों ग्रामीण, महिला-पुरुष और बच्चे इस जलसंकट से जूझ रहे हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान ग्राम सरपंच प्रतिनिधि लक्ष्मीकांत वर्मा, उपसरपंच उदय सिन्हा, दुर्गेश सिन्हा, हेमीन बाई साहू, धर्मिन सिन्हा, श्याम बाई लहरे, तारा बाई बंदे सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।भंडारपुर में पेयजल संकट चरम पर: पानी के लिए हाहाकार, प्रशासन से समाधान की गुहार

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ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वे स्वयं स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लें और तत्काल बोरिंग कार्य शुरू कराएं, ताकि भंडारपुर की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान हो सके। प्रशासन की निष्क्रियता से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है, यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो यह आंदोलन उग्र रूप ले सकता है।

Drinking water crisis at its peak in Bhandarpur: Outcry for water, appeal to the administration for solution




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