व्यापार खबर डेस्क खबर 24×7 नई दिल्ली // आटा मिलों के शीर्ष संगठन ने 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने के सरकार के फैसले की बृहस्पतिवार को प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों में पांच से छह रुपए प्रति किलोग्राम तक की गिरावट आएगी। गेहूं और गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को अपने बफर भंडार से 30 लाख टन गेहूं को खुले बाजार में बेचने की घोषणा की थी.।
भंडारण को सरकारी भारतीय खाद्य निगम स (एफसीआई) द्वारा अगले दो महीनों में विभिन्न माध्यमों से बेचा जाएगा। जहां गेहूं आटा मिल मालिकों जैसे थोक व्यापारियों को ई-नीलामी के माध्यम से वि बेचा जाएगा वहीं गेहूं पीसकर आटा बनाने और उसे जनता तक 29.50 रुपए के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में पहुंचाने के लिए एफसीआई गेहूं को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां/ सहकारिता/ संघ, केंद्रीय भंडार/ एनसीसीएफनेफेड को 23.50 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचेगा।
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफइंडिया (आरएफ्एमएफआई) के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा, ”हम सरकार के कदम का स्वागत करते हैं। यह फैसला एक महीने पहले ही ले लेना चाहिए था। यह सही कदम है। थोक और खुदरा कीमतें जल्द ही पांच-छह रुपए प्रति किलोग्राम तक कम हो जाएंगीं।’‘
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख शहरों में गेहूं की, औसत कीमत बुधवार को 33.43 रुपए प्रति किलोग्राम रही, जबकि पिछले साल इस समय 28.24 रुपए प्रति किलोग्राम थी। गेहूं के आटा की औसत कीमतें 37.95 रुपए प्रति किलोग्राम दर्ज की गई, जो पिछले साल इसी समय 31.41 रुपए प्रति किलोग्राम थी।