GST रिफार्म..इतनी सस्ती होंगी बिजली
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 रायपुर // भारत सरकार ने जीएसटी रिफार्म से 22 सितंबर से जीएसटी दरों की नई व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था से कोयला भी सस्ता होगा और इससे बिजली भी सस्ती होगी। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज ने यह ऐलान किया है।
जीएसटी सुधारों से कोयला कुछ उपभोक्ताओं और बिजली उत्पादकों के लिए सस्ता होगा, क्योंकि कोयले पर लगने वाला 400 रुपए प्रति टन के सेस (उपकर) को खत्म कर दिया गया है। हालाकि कोयले पर जीएसटी की दर पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है।
सेस हटने से कोयले के विभिन्न ग्रेड पर कर का कुल बोझ घटेगा और आयातित कोयले की तुलना में घरेलू कोयला अधिक प्रतिस्पर्धी न बनेगा, जिससे कोयला कंपनियों को पैसे हुए टैक्स क्रेडिट को उपयोग करने और तरलता जारी करने में भी मदद मिलेगी।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अनुसार, जीएसटी बढ़ाकर सेस खत्म करने से छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी को औसतन अनुमानित 152.36 रूपये प्रति टन कम लागत पर कोवला मिलेगा। इससे कंपनी की उत्पादन लागत में औसतन 11 पैसे प्रति यूनिट कमी संभावित है।
कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि ‘कोयला ताप विद्युत उत्पादन के लिए ईंधन का काम करता है। ईंधन की लागत में कमी से उत्पादन लागत में भी कमी संभावित है और प्रारंभिक आकलन के अनुसार इससे उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली दर में लगभग 11 पैसे की कमी का लाभ मिल सकती है।’
कंपनसेशन सेस विद्युत उत्पादन लाखात में एक बड़ा मुद्दा थी। इसमें राहत मिलने से उत्पादने लागत में कमी होगी, जिसको फायदा बिजली उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। सेस हटने से कोयला में 13.40. रुपए से 329.61 रुप प्रति टन की कमी आएगी।
बिजली उत्पादकों के लिए लागत में लगभग 260 रुपए प्रति टन की कमी आएगी, जिससे प्रति किलोवाट घंटे बिजली उत्पादन लागत 17-18 पैसे कम होगी। इनपुट सेवाओं एस उच्च जीएसटी दरों के कारयो कोयला कंपनियों के पास जो अप्रयुक्त कर क्रेडिट जमा हो रह था, अब उसे इस्तेमाल किया ज सकेगा। इससे कोयला कंपनिय की तरलता मुक्त होगी और उन् फंड में रुकावट खत्म होगी।
GST reform…electricity will be so cheap
