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अनिश्चित भविष्य की लड़ाई लड़ते मनरेगा कर्मी, सुरक्षा, स्थायित्व और सम्मान की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

अनिश्चित भविष्य की लड़ाई लड़ते मनरेगा कर्मी, सुरक्षा, स्थायित्व और सम्मान की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
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छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़ // छत्तीसगढ़ के ग्रामीण विकास को मजबूती देने वाले मनरेगा कर्मचारी आज खुद असुरक्षित भविष्य की पीड़ा झेल रहे हैं। राज्य गठन के बाद जिस योजना ने प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई, उसी योजना के कर्मी 50 वर्ष की उम्र में स्थायी नौकरी, सामाजिक सुरक्षा और सेवाओं की गारंटी के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।

19 वर्षों से लगातार सेवा देने के बावजूद मनरेगा कर्मचारियों के लिए अब तक कोई मानव संसाधन निधि नहीं बनाई गई, न ही उन्हें स्थायी रोजगार का दर्जा मिला। इस अन्याय के खिलाफ छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के नेतृत्व में राज्यभर के कर्मचारियों ने जिला मुख्यालयों में रैली निकालकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं उपमुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री विजय शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपा।

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शिक्षा और दक्षता के बावजूद भविष्य अधर में

छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय क्षत्रि ने बताया कि मनरेगा योजना में कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी किसी न किसी क्षेत्र में दक्षता रखता है। सहायक परियोजना अधिकारी, प्रोग्रामर, तकनीकी सहायक, लेखापाल, ऑपरेटर और रोजगार सहायक जैसे पदों पर कार्यरत सभी कर्मचारियों को निर्माण, तकनीकी कार्यों और ऑनलाइन प्रक्रियाओं की गहरी समझ है। इन दक्षताओं को हासिल करने में युवाओं को 30 वर्ष तक का समय लग जाता है, जिसके बाद उन्हें मनरेगा में अस्थायी नौकरी मिलती है।

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लेकिन लगभग दो दशक की सेवा देने के बाद भी इन कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा, सेवा स्थायित्व और सम्मानजनक वेतन नहीं मिल पा रहा है। कई कर्मचारी अब बुढ़ापे की दहलीज पर हैं, लेकिन उनका भविष्य असुरक्षित है। उनकी कोई पेंशन योजना नहीं है, मृत्यु उपरांत उनके परिवारों को कोई सहायता नहीं मिलती, और ना ही उन्हें किसी प्रकार की स्थायी नौकरी की गारंटी दी गई है।

सरकारों के बदले रवैये पर नाराजगी

मनरेगा कर्मचारियों ने सरकारों की नीतियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब राजनीतिक दल विपक्ष में होते हैं, तो वे उनके हड़ताली मंचों तक पहुंचकर समर्थन जताते हैं, लेकिन सत्ता में आते ही उनकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे आंदोलन को और उग्र करेंगे।अनिश्चित भविष्य की लड़ाई लड़ते मनरेगा कर्मी, सुरक्षा, स्थायित्व और सम्मान की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

इसे भी पढ़ें : मनरेगा कर्मियो को चार माह से वेतन भी नहीं..आज से 3 दिवसीय ध्यानाकर्षण हड़ताल

28 मार्च को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन

प्रदेशभर के मनरेगा कर्मचारी 28 मार्च को राज्य स्तरीय रैली निकालकर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे। उनका कहना है कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो वे लंबे संघर्ष के लिए बाध्य होंगे।

मार्च को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन

प्रदेशभर के मनरेगा कर्मचारी 28 मार्च को राज्य स्तरीय रैली निकालकर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे। उनका कहना है कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो वे लंबे संघर्ष के लिए बाध्य होंगे।




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