Breaking
Wed. Apr 9th, 2025

राज्य इंटरनेट ब्लैकआउट करते रहे..केंद्र के पास डेटा ही नहीं

खबर शेयर करें..

Suresh Vyash : नई दिल्ली// विभिन्न राज्य कई मौकों पर शांति व कानून व्यवस्था का हवाला देकर इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करते रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार के दूरसंचार विभाग तथा गृह मंत्रालय के पास इसका आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कि कितने राज्यों ने कब व क्यों ‘इंटरनेट ब्लैकआउट’ किया। सरकार ने इस संबंध में केंद्रीकृत डेटा रखने की सिफारिश की अनदेखी करते हुए यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि लोक व्यवस्था के लिए इंटरनेट का निलंबन वास्तव में अपराध की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए इसका रिकॉर्ड रखने की जरूरत ही नहीं है।

संचार एवं सूचना प्रोद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति ने दोनों सदनों में पेश रिपोर्ट में सरकार के इस रवैए की निंदा करते हुए कहा कि दोनों मंत्रालयों ने समिति की सिफारिश को लागू करने के प्रयास नहीं किए। समिति ने ‘दूसरंचार सेवाओं/इंटरनेट का निलंबन और इसका प्रभाव’ नाम के 26वें प्रतिवेदन में दूरसंचार विभाग व गृह मंत्रालय को देश में इंटरनेट शटडाउन के आदेशों का केंद्रीकृत डाटाबेस रखने के लिए तंत्र विकसित करने व इंटरनेट ब्लैकआउट की सूचना पब्लिक डोमेन में उपलब्ध करवाने की सिफारिश की थी।🔴

study point kgh

10 साल में 518 बार नेट ब्लैकआउट

एक रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2012 से मार्च 2021 के बीच पूरे देश में 518 बार इंटरनेट ब्लैकआउट किया गया। यह दुनिया में इंटरनेट ब्लॉक करने की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है, लेकिन इसे सत्यापित करने का देश में केंद्रीय स्तर पर कोई तंत्र नहीं है।

सोशल मिडिया से जुड़ने क्लिक करें..

source.


खबर शेयर करें..

Related Post

error: आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !!
WhatsApp पर किये ये गलतियां तो अकाउंट हो सकता है हैक women’s day 2025: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च ही क्यों? WhatsApp ने भारत मे शुरू किए 5 नए फीचर्स.. गोल्ड ज्वेलरी और कांजीवरम साड़ी में दुल्हन बनीं बॉडीबिल्डर, जानें कौन हैं ये हसीना BSNL क्यों बन रहा है लोगों की पहली पसंद?