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CG High Court: संविदा कर्मियों की नियमित नियुक्ति को हाई कोर्ट ने दिया ये फैसला..

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CG High Court: संविदा कर्मियों की नियमित नियुक्ति को हाई कोर्ट ने दिया ये फैसला..

छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने संविदा कर्मियों की सेवा के संबंध में महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि जब तक नियमित नियुक्ति नहीं हो जाती, संविदा कर्मचारियों को सेवा से नहीं हटा सकते। कोर्ट ने डीन चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर के आदेश पर रोक लगा दिया है।

दरअसल अधिष्ठाता शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर सरगुजा द्वारा वायरोलॉजी लैब में सीनियर साइंटिस्ट, जूनियर साइंटिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर, लैब अटेंडेंट, स्वीपर पद पर संविदा भर्ती के लिए वर्ष 2020 में विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किया था। शिवकुमार, हंसा लिंगम, धनंजय, श्रद्धा, पनमेश्वर वृंदावती का चयन डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर किया गया।

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चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर द्वारा समय-समय पर उपरोक्त अभ्यर्थियों की संविदा सेवा में वृद्धि की जा रही थी। अंतिम सेवा वृद्धि आदेश 2 अप्रैल 2025 को जारी कर सेवा में मार्च 31 मार्च 2026 तक वृद्धि की गई थी। अधिष्ठाता शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर ने 3 अप्रैल 2025 को एक आदेश जारी कर अपरिहार्य कारणों से सेवा वृद्धि को निरस्त कर दिया

आदेश को दी कोर्ट में चुनौती 

डीन के आदेश को चुनौती देते हुए शिव कुमार व अन्य डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्धीकी ने कोर्ट को बताया कि चिकित्सा महाविद्यालय में वायरोलॉजी लैब की स्थापना कोविड महामारी के समय की गई थी।chhattisgarh-hc-highcourt

ऐसे है भर्ती का नियम

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता मतीन सिद्धीकी ने राज्य शासन द्वारा तय मापदंडों व नियमों की जानकारी देते हुए बताया कि तय नियमों और जारी मापदंडों के अनुसार जब तक नियमित नियुक्ति नहीं हो जाती है तब तक वही स्टाफ कार्य करते रहेंगे।

चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर ने याचिकाकर्ताओं को संविदा वृद्धि अवधि पूर्ण होने से पहले बिना कोई कारण बताए निरस्त कर दिया है जो नियमों के विपरीत है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने चिकित्सा महाविद्यालय के डीन द्वारा जारी आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।




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