छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 छुईखदान // खैरागढ- छुईखदान- गंडई जिला बनने के ड़ेढ साल बाद भी समस्या बना हुआ है। लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण मासूम की जन्म होते ही मौत हो गई।
पिछले दिनों कल्लेपानी निवासी चमारिन पति चन्द्र प्रकाश धुर्वे 8 वे महीने की प्रेग्नेंट थी। दर्द उठने पर घर वालो ने सुबह 10 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र साल्हेवारा लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर 1 घन्टे बाद हालत बिगड़ते देखकर छुईखदान रिफर कर दिये। इधर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुईखदान में जांच परीक्षण के दौरान में ही बच्चे का एक हांथ बाहर आ गया था। इतने में प्रबंधन ने राजनांदगांव रिफर कर दिया। एम्बुलेंस से ही छुईखदान से खैरागढ होते हुये राजनांदगांव के लिये निकले ही थे तभी अमलीपारा में नवजात की मौत हो गई।

अस्पताल में नहीं है सर्जरी की सुविधा
डाक्टरों का कहना है जब बच्चे का हांथ बाहर आ जाता है तो सर्जरी की जरुरत होती है। ऐसे में जिले के स्वास्थ्य केंद्र में सर्जरी की सुविधा नही होने के चलते मासूम दुनिया मे आने से पहले ही मौत हो गयी।
सवाल कब तक भटकेंगे लोग
आखिरकार सवाल बना रहेगा कि जिले में शिक्षा और स्वास्थ्य की ऐसी समस्याओ से कब तक जूझना पड़ेगा और कब तक ऐसे ही डिलेवरी के दौरान जच्चा -बच्चा का जान खतरे में बने रहेगा?
