छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 ख़ैरागढ़// शुक्रवार को बहु प्रतीक्षित मांगों के लेकर नवगठित जिले के सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहे। और नारेबाजी करते कलेक्टर कार्यालय पहुंच कलेक्टर को ज्ञापन दिया। कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने समय-समय पर ज्ञापन, धरना, प्रदर्शन एवं आंदोलनों के माध्यम से निम्नांकित पाँच सूत्रीय मांगों के संबंध में ध्यानाकृष्ट कराया। लेकिन शासन ने आज पर्यन्त मांगों के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। जिसके कारण प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
पुनरीक्षण की है मांग
मांगों का उल्लेख करते हुए कर्मचारियों ने बताया कि छठवें वेतनमान के आधार पर देय गृह भाड़ा भत्ते को सातवें वेमनमान के आधार पर केन्द्रीय दर पर पुनरीक्षित किया जाए। राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जाए। प्रदेश के कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर गठित पिंगुआ कमेटी एवं सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में वेतन विसंगति हेतु गठित समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।

जन घोषणा पत्र के वायदों को पूरा कर सरकार
कर्मचारियों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के जन घोषणा पत्र के क्रियान्वयन हेतु राज्य के समस्त कर्मचारियों को चार स्तरीय वेतनमान क्रमश: 08, 16, 24 एवं 30 वर्ष की सेवा अवधि उपरांत किया जावे एवं अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित किया जाए। पुरानी पेंशन का लाभ दिलवाने हेतु प्रथम नियुक्ति से सेवा गणना की जाये एवं पूर्ण पेंशन का लाभ अर्हतादायी सेवा 33 वर्ष के स्थान परर 25 वर्ष किया जाए।
Employees stopped work due to demands. Memorandum submitted to collector.
