छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 महासमुंद // राजस्व प्रकरणों के निराकरण में प्रगति न होने व उदासीनता बरतने पर तहसीलदार, नायब तहसीलदार को कारण बताओं नोटिस जारी की गई है।
कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर द्वारा राजस्व काम काज की समीक्षा और समय सीमा की बैठक में राजस्व प्रकरणों में त्वरित निराकरण के निर्देशों के बावजूद तहसीलदार, नायब तहसीलदार द्वारा प्रकरणों के निराकरण में कोई रूचि नहीं लेने और लंबित प्रकरणों के निराकरण में भी प्रगति न दिखने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने महासमुंद तहसीलदार को कारण बताओं नोटिस जारी किया है।
अपर कलेक्टर दुर्गेश वर्मा ने बताया कि राजस्व के अधिक प्रकरण लंबित होने वाले तहसीलदार, नायब तहसीलदारों को भी कारण बताओं नोटिस जारी कर तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है।.
कलेक्टर क्षीरसागर ने विगत मंगलवार को राजस्व अधिकारियों को लोगों के लंबित समय सीमा के राजस्व प्रकरण, नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, वनाधिकार पत्र आदि का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए थे। इससे पहले राजस्व के कामकाज की समीक्षा में भी राजस्व संबंधित प्रकरणों को नियमानुसार तुरंत निराकरण कर अवगत कराने के निर्देश दिए थे।
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इसके साथ ही उन्होंने पात्र लोगों को नगरीय क्षेत्र में स्थित 7500 वर्ग फीट भूमि तक अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन का नियमानुसार लाभ देने कहा था। ताकि संबंधित को शासकीय भूमि का वास्तविक मालिकाना हक मिले। इसके लिए संबंधित व्यक्ति को निर्धारित गाइड-लाइन अनुसार राशि जमा कर अतिक्रमण भूमि के व्यवस्थापन योजना का लाभ मिल सके। इन कार्यां में भी तहसीलदार, नायब तहसीलदार द्वारा कोई प्राथमिकता नहीं दी गई न ही कोई रुचि ली गई। जिस पर कलेक्टर ने काफी नाराजगी प्रकट की।
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