छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 ख़ैरागढ़ // नर्मदा के जल से श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर में जल अभिषेक के साथ ही 5 दिवसीय श्री रुक्खड़ स्वामी महोत्सव व महा शिवरात्रि पर्व का आगाज़ होगा। परंपरानुसार 15 फरवरी को कांवड़िए नर्मदा कुंड, ख़ैरा, चकनार से जल भरकर निकलेंगें व सिद्धपीठ श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर में जल अभिषेक करेंगें। प्रचलित कथानकों के अनुसार तपस्वी संत शिव स्वरूप श्री रुक्खड़ स्वामी महाराज के तप से ही मां नर्मदा का अवतरण वर्तमान स्थल में हुआ था। अपने जीवनकाल में दर्शन आदि के लिए श्री रुक्खड़ स्वामी नियमित नर्मदा कुंड जाते थे।
पदयात्रा कर जल अभिषेक
प्रचलित सनातन परंपरा को थामते हुए ही हिंदू जनजागरण समिति के बैनर तले विगत 3 वर्षों से पदयात्रा कर जल अभिषेक की परंपरा आरंभ की गई है। कांवड़ यात्रा का घिरघोली, छुईखदान, भुलाटोला, ढिमरीं कुआं सहित दर्जन भर से अधिक स्थानों पर स्वागत सत्कार होगा।
कलाकार देंगें भजनों की प्रस्तूति
16 फरवरी को भजन संध्या का आयोजन किया गया है। जिसमें शिव भजनों की प्रस्तूति होगी। इंदिरा कला संगीत विवि के छात्र कलाकार इसमें शामिल होंगे। 17 फरवरी को पंचाक्षरी मंत्रों के साथ शिव लिंग व गण निर्माण का कार्यं प्रारंभ होगा।
पार्थिव लिंगों का होगा अभिषेक
महाशिवरात्रि के दिन 18 फरवरी को वैदिक रीति से सुबह 8 बज़े से पार्थिव शिवलिंग का महारुद्राभिषेक होगा। इस दिन प्रहर पूजन व अभिषेक की व्यवस्था की गई। श्रद्धालु पूजन हेतु निरंतर पंजीयन करा रहे हैं। इसी दिन शाम 4 बज़े श्री रुक्खड़ स्वामी बाबा की भव्य शोभायात्रा व शिव बारात निकाली जाएगी। जो झांकियों के साथ वीरेश्वर महादेव मंदिर पहुंचेंगी। देर शाम 8 बज़े मंदिर में निरंतर जारी सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ मातृ भक्तियां करेंगी।
ऐसा है मंदिर में अभिषेक का महत्व..
सिद्धपीठ परिसर में ही विशाल बेल वृक्ष विराजमान है। मान्यता है कि बेल वृक्ष के दर्शन मात्र ही जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसे में बेल वृक्ष की छांव में पार्थिव लिंग का अभिषेक अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
विशाल भडारें का आयोजन
रविवार 19 फरवरी को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इससे पूर्व मंदिर में महाशिवरात्रि पश्चात हवन किया जाएगा। साथ ही वर्षों से प्रज्वलित धुनि में भी लोक कल्याणार्थ आहुति डाली जाएगी।
तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप – मंदिर समिति
श्री रुक्खड़ स्वामी ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष रामकुमार सिंह ने बताया कि मंदिर में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में धर्म लाभ लेने उपस्थिति की अपील की है।