व्यापार खबर डेस्क खबर 24×7 // इन दिनों इंडियन स्टॉक मार्केट्स की चाल कनफ्यूज करने वाली है। सीमेंट शेयरों में आई तेजी कितनी टिकाऊ हैं, इस बारे कुछ कहना मुश्किल है। शुरुआती तेजी के बाद स्टील शेयरों ने यू-टर्न लिया है। उधर, इंडियन मार्केट को लेकर बेयरिश व्यू रखने वालों की अपनी दलीलें हैं।
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मार्केट दिशा तलाशने की कोशिश कर रहा है। गुरुवार को Sensex और Nifty50 में लगातार पांचवें सत्र गिरावट देखने को मिली। ट्रे़डर्स थके लग रहे हैं। लेकिन, वे निराश नहीं हैं, क्योंकि ऐसा लगता है कि मार्केट जल्द अपने निचले स्तर से बाहर निकलने की कोशिश कर सकता है। इस स्थिति को देखते हुए 2010 और 2014 के बीच के फेज की याद आती है। तब हाई इनफ्लेशन, प्रॉफिट के कमजोर आंकड़ों और दुनिया में खराब खबरों के बीच शेयरों में गिरावट आ रही थी। हालांकि, उस दौरान भी कुछ स्टॉक्स ने अच्छा परफॉर्म किया था। यह एक्टिव फंड मैनेजर्स के लिए अपनी फीस को सही ठहराने का अच्छा मौका हो सकता है।
बेयर्स का मूड
रिसर्च हाउस Berntein इंडिया को लेकर बेयरिश सोच रखने वाले कुछ Contrarian Voices में शामिल है। यह संभवत: एकमात्र फर्म थी, जिसने कहा ता कि बजट में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्टर खर्च बढ़ाने का जो ऐलान किया है, वह कैलकुलेशन करने के बाद बहुत ज्यादा नहीं दिखता है।
Bernstein की सीनियर रिसर्च एनालिस्ट का अब भी यह कहना है कि इंडियन मार्केट्स के ऊपर जाने के मुकाबले नीचे जाने के आसार ज्यादा हैं। इसकी कई वजहें हैं। दूसरे उभरते बाजारों के मुकाबले इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन ज्यादा है। आने वाले दिनों में अर्निंग्स डाउनग्रेट बढ़ने की आशंका है। इंटरेस्ट रेट्स बढ़ने का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, आगे इंटरेस्ट रेट की तस्वीर को लेकर बाजार की राय एक नहीं है। ज्यादातर एनालिस्ट्स का यह मानना है कि एक और बढ़ोतरी होने वाली है। इसके बाद इंटरेस्ट बढ़ने पर ब्रेक लग जाएगा।
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