छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़ // बच्चो को निःशुल्क बंटने वाली सरकारी पाठ्य पुस्तकों को कबाड़ी के पास बेचने और आत्मानंद स्कूल में नियम विरूद्ध प्रवेश शुल्क वसूलने वाले प्रभारी प्राचार्य कमलेश्वर सिंह के खिलाफ मामले को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय ने जवाब मांगा।
गौरतलब है कि प्रकरण मे प्रथम दृष्टया शिकायत सही पाए जाने पर संचालक लोक शिक्षण संचालनालय ने 5 सिंतबर 23 निलंबित कर डीईओ आफिस अटैच कर दिया था।
जबकि इसी मामले में 28 अगस्त को प्रभारी डीईओ ने फौरी कारवाई करते हुए जांच के दौरान आरोप सही पाए जाने का उल्लेख करते हुए आत्मानंद कन्या शाला में व्याख्याता पद पर पदस्थ व तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य कमलेश्वर सिंह को कन्या शाला से हटाकर कांचरी हाईस्कूल में अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक काम करने कहा था।
कांग्रेस नेता और अल्संख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव राजा सोलंकी ने अवितरित सरकारी किताब कबाड़ी को बेचे जाने की प्रमाणित शिकायत 10 मई को कलेक्टर और डीईओ से की थी, लेकिन कारवाई महीनो से अटकी थी। इसी दौरान छग बाल संरक्षण आयोग ने मामले को स्वतः संज्ञान में लिया और शाला पहुंचकर दो दिनो तक जांच किया।
दोनों आरोप जांच में पाया सही
प्रभारी प्राचार्य पर इसी सत्र में प्रारंभ आत्मानंद उत्कृष्ट शाला में डीईओ की मौखिक अनुमति को आधार बनाकर बच्चों से फीस वसूली की शिकायत राजा सोलंकी ने अधिकारियों से की थी, जिसकी भी जांच हुई। जिसके बाद डीईओ ने कलेक्टर गोपाल वर्मा से अनुमोदन लेकर 28 अगस्त को कमलेश्वर सिंह को कांचरी स्कूल अटैच कर दिया था।
अटैच के बाद संचालक ने शिकायत को जांच दौरान प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर दोषी प्रभारी प्राचार्य पर कड़ी कारवाई करते हुए उक्त कृत्य को सिविल सेवा आचरण नियम 1966, नियम 9 और शिक्षकीय गरिमा के प्रतिकूल मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर डीईओ आफिस अटैच कर दिया। निलंबन अवधि के दौरान भी कमलेश्वर सिंह द्वारा विभागीय आरोप पत्र को लेने में हील हवाला कियाया।
जिसकी जानकारी भी विभाग ने दिसंबर महीने में लोक शिक्षण संचालनालय को प्रेषित की थी। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर जनवरी 24 में कमलेश्वर सिंह पुनः कन्या शाला में बहाल हो गए। इसी दौरान आरोप पत्र का जवाब नहीं देने के कारण संचालनालय ने विभागीय जांच का संस्थित कर दिया था, लेकिन छः माह बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने मामले में अधिरोपित आरोप के खिलाफ प्रतिवाद के लिए कमलेश्वर सिंह को 21 जुलाई को पत्र जारी कर जवाब मांगा है।