Breaking
Fri. Nov 8th, 2024

रियासतकालीन के समय से निर्मित मा गंगई मंदिर के गुम्बद के जीर्णोद्धार को लेकर विधिवत पूजा 21 से बढाकर किया जायेगा 51 फिट 

खबर शेयर करें..

छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 गंडई पंडरिया // गंडई नगर सहित दूर दराज के लोगो के लिए आस्था का केंद्र बना माँ गंगई मंदिर के गुम्बद का जीर्णोद्धार करवाया जाएगा एवम गुम्बद से हटकर अन्य हिस्से का नवनिर्माण भी करवाया जाएगा। जिसे लेकर विधि विधान से पूजा किया गया है। रविवार 19 मई को सुबह 9 बजे पंडित कमलेश शर्मा ने मंदिर के पुजारी साकेत दुबे एवम अनुभव दुबे से विधिवत पूजा अर्चना करवाया है। ततपश्चात ही मंदिर के गुम्बद में लगे कलश को नीचे उतारा गया । इस दौरान मंदिर के सेवक कृष्णा निषाद, समलू गोड एवम अन्य लोग उपस्थित थे।

6 माह में करवाया जायेगा नए गुम्बद का जीर्णोद्धार 

रियासत कालीन समय मे अर्थात लगभग 60 से 70 सालों पहले बनाये गए माँ गंगई मंदिर की गुम्बद की ऊँचाई 21 फ़ीट है जिसे अब 51 फ़ीट ऊंचा बनाया जाएगा। बता दे कि वर्षों पहले ईंट में चुना और गोंद की मिश्रण की जोड़ाई से गुम्बद का निर्माण उक्त मंदिर में किया गया था जो आज भी मजबूती के साथ टिका हुआ है जिसके चलते उसी पैटर्न में पत्थर का उपयोग करते राजस्थान,अमरकंटक या अन्य स्थानों से पत्थर लाकर 51 फ़ीट ऊची गुम्बद का निर्माण करवाये जाने की जानकारी सामने आई है।

विज्ञापन..

रियासतकालीन के समय से निर्मित मा गंगई मंदिर के गुम्बद के जीर्णोद्धार को लेकर विधिवत पूजा करवाया गया सम्पन्न57 फ़ीट चौड़ा और 66 फ़ीट लंबा है मंदिर का क्षेत्रफल

मंदिर के पुजारी द्वारा बताया गया की मा गंगई मंदिर का कुल क्षेत्रफल 3762 वर्ग फ़ीट में है जिसमे मंदिर का हाल बीते कुछ सालों पहले आधे से कम हिस्से में बनवाया गया था एवम मंदिर का मुख्य हिस्सा जहाँ देवी माताएं विराजमान है काफी पहले रियासत काल मे बनवाया गया था ऐसे ही मंदिर के अंतिम भाग जहां पर मंदिर के विभिन्न समानो को रखा जाता है वह भी पुराना है साथ ही मंदिर का कुछ भूभाग को छोड़ कर मंदिर का बाउंड्री वाल बनाया गया था परंतु अब जब मंदिर का जीर्णोधार एवं निर्माण करवाया जा रहा है तो नक्शे में उल्लेखित मंदिर के सम्पूर्ण भूभाग में मंदिर का निर्माण कार्य करवाया जाएगा।

सोशल मिडिया से जुड़ने क्लिक करें..
आप भी यहाँ अपना विज्ञापन दे..width="550" height="275"

आस्था और विश्वास का प्रतीक है मां गंगई की मंदिर

माँ गंगई मंदिर जिसका इतिहास गौरवशाली रहा है सम्भवतः गंडई नगर का नाम माँ गंगई मंदिर के नाम के आधार पर ही पड़ा है।उक्त मंदिर को लेकर लोगो मे काफी आस्था है किसान इसी मंदिर में पानी चढ़ा कर उसी पानी को धान में होने वाले गंगई रोगों के उपचार में काम मे लेते है। किसान प्रत्येक वर्ष फसल में होने वाले कीट के प्रकोप से बचने के लिए यही से जल लेकर जाते है। इसी प्रकार और भी अनेकों कारण है जिसके कारण उक्त मंदिर में स्थापित तीनो माताए मां गंगई देवी, मां शीतला देवी,मां महामाया देवी लोगो के लिए लंबे समय से लगातार आस्था का केंद्र बना हुआ है।

Man gandai mandir gandai मा गंगई मंदिर के संरक्षक युवराज लाल टारकेश्वर शाह खुसरो ने बताया की माता के गर्भगृह वाले स्थान को पत्थर से निर्माण कराने का विचार चल रहा है, गुम्बद को और बेहतर एवं मजबूत बनाने अमरकंटक और राजस्थान से संपर्क स्थापित कर वही के पत्थर एवम वही कारीगरों से कार्य करवाये जाने का विचार चल रहा है, यह मंदिर आजादी समय के बाद गंडई रियासतकाल के राजा स्व लाल मूरत सिंह खुसरो के समय से निर्मित है।


Rohit dewangan-gandai
रिपोर्ट : रोहित देवांगन, गंडई
विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें.. 7415791636



खबर शेयर करें..

Related Post

error: आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !!