छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़-छुईखदान-गंडई // छत्तीसगढ़ के नवगठित जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई अंतर्गत आने वाले जनपद पंचायत छुईखदान के लगभग सभी ग्राम पंचायतों में केंद्र सरकार से मिलने वाले 15 वे वित्त आयोग की राशि का ऑनलाइन अप्रूवल नही होने से विगत दो तीन महीने से ग्राम पंचायतों का ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया बंद हो गया है जिससे ग्राम पंचायतों में किये गए निर्माण कार्यो का भुगतान लटक गया है।
वही दूसरी ओर जिला प्रशासन की ओर से इस गंभीर मामले में दो महीने बीतने के बावजूद भी कोई ठोस पहल नहीं करने से सरपंचो का जिला प्रशासन के प्रति मोहभंग हो गया है।
बता दें कि शासकीय कार्यालयों से ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना सहित कई कार्य को कराने के लिए दबाव बनाया जाता है ताकि अफसरों के ऊपर कोई कार्यवाही न हो सके। लेकिन जब ग्राम पंचायतों के भुगतान सम्बंधित मामलों में कोई दिक्कत आ जाती है तो अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए ऊपर स्तर में जानकारी देने का हवाला देकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। जबकि कोरोनाकाल के दौरान ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा ग्रामवासियों को सुरक्षा व्यवस्था सहित सम्पूर्ण ग्रामीण क्षेत्रों की जिम्मेदारी सरपंचो ने संभाल रखी थी उस समय सरपंचो को दबाव बनाया जाता था कि ग्राम में सभी को सुरक्षित रखने का पहला कर्तव्य ग्राम प्रधान की है तथा सरपंचो ने शासन प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर कोरोनाकाल से निपटने में अपनी महती भूमिका निभाई है बावजूद इसके ग्राम पंचायतों के प्रति इस तरह से ढील रवैये से शासन प्रशासन के प्रति प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं बता दें कि मनरेगा योजना के तहत अधिकांश ग्राम पंचायतों में मजदूरी मूलक कार्य संचालित हो रहे हैं जिसमे कार्य एजेंसी ग्राम पंचायतों के सरपंच को बनाया जाता है जिसमे सरपंचो को किसी तरह की कोई भी सुविधा नही मिलती बल्कि आडिट के समय विभिन्न प्रकार के कमियों से ग्राम पंचायत के सरपंच को कमियां गिनाया जाता है उसी तरह बता दें कि विगत दो से तीन महीने से ग्राम पंचायतों के ऑनलाइन भुगतान नहीं होने के बावजूद सरपंचो ने मनरेगा योजना में मजदूरों के चिंता करते हुए काम जारी रखा हुआ है जिससे यह प्रतीत होता है कि सरपंचों के द्वारा ग्राम पंचायत में पलायन को रोकने में अपना योगदान निभा रहे हैं।
ग्राम ठंडार जगमड़वा हनईबन बागुर लिमो लालपुर चीलगुड़ा पेंडरवानी गोकना बागुर पथर्रा कटंगी देवपुरा नादिया ढाबा बूढ़ासागर खैरबना चकनार संडी पंडरिया सहित अन्य सरपंचो ने बताया कि ग्राम पंचायतों के ऑनलाइन भुगतान में आये दिन समस्या रहती है साथ ही विगत तीन महीने बीतने वाले हैं लेकिन अभी तक शासन स्तर से ऑनलाइन राशि का अप्रूवल करने सम्बन्धी कोई आधिकारिक रूप से कार्य नही किया गया है।
बताया कि इससे ग्राम पंचायतों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं तथा इस विषय में जिला स्तर से राज्य स्तर के अधिकारियों को जानकारी प्राप्त हो गई है बावजूद इसके अभी तक इस सिस्टम में सुधार नहीं किया गया है जिससे शासन-प्रशासन के ढीले रवैये का उदाहरण साबित हो रहा है तथा भुगतान नहीं होने से देनदारी में भारी परेशानी बढ़ गई है।
लोकेश जघेंल, सचिव संघ के जिला कार्यकारणी अध्यक्ष का कहना है की नए जिले बनने के कारण एवं नए जिले का आई डी जनरेट नही होने के कारण एप्रूबल नही हो पाया है जिससे ग्राम पंचायतों में मिले 15 वे वित्त का भुगतान संबंधी आहरण नहीं हो पाया है। समस्या बनी हुई है।
टीकम साहू अध्यक्ष सरपंच संघ छुईखदान का कहना है की ग्राम पंचायतों में ग्राम विकास के तहत मिले 15वे वित्त की राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है,आई डी जेनरेट की दिक्कत बताया जा रहा है इस संबंध में जिला कलेक्टर को चार बार ज्ञापन दे चुके है जल्द ही निराकरण का आश्वासन दिया है।फीरहाल समस्या बनी हुई है।