छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 रायपुर // राजधानी की एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी से 7 करोड़ से ज्यादा की ठगी हो गई। कंपनी ने कर्नाटक की कंपनी को पेटीएम की तरह ट्रांजेक्शन – के लिए एप बनाने का ठेका दिया था। तीन साल पहले कंपनी ने एप बनाकर दिया। उसके माध्यम से लोगों को कर्ज देने के अलावा किश्त वसूली जाती थी। फाइनेंस कंपनी से पैसा पहले एप में जाता था। वहां से ग्राहक के पास जाता था। ग्राहक जो पैसा जमा करता था, वह पहले एप में फिर कंपनी के खाते में आता है।
ऐप में आया 7 करोड़ नहीं किया ट्रांसफर
ग्राहक और फाइनेंस कंपनी का 7 करोड़ खाते में आने बाद एप से ट्रांसफर नहीं किया गया। अलबत्ता कंपनी ने सेवा देना बंद कर दिया। माइक्रो फाइनेंस कंपनी की शिकायत पर कोर्ट के आदेश के बाद आजाद चौक पुलिस ने ठगी का केस दर्ज किया है।
पुलिस ने बताया कि आजाद चौक में सुनीता फिनलीज कंपनी है। यह माइक्रो फाइनेंस का काम करती है। कंपनी ने एप बनाने के लिए कर्नाटक के डायनेमिक ऑक्टोपस टेक्नोलॉजी कंपनी को ठेका दिया। कंपनी के मालिक प्रवीण बलरू मांजे और हरेंद्र राय दोनों ने एप बनाकर दिया। एप के माध्यम से पैसों का लेन-देन होने लगा। एप में जब 7 करोड़ आया तो उन्होंने फाइनेंस कंपनी के खाते में जमा नहीं किया। उन पैसों को निकालकर निजी कार्य में खर्च कर दिया। पुलिस की टीम आरोपी की तलाश में जल्द कर्नाटक जाएगी।