0 मच्छर मारने की तमाम दवाएं बेअसर।
0 शाम होते ही लोगो को जगह जगह तालिया बजाते देखा जा सकता है।
0 अधिकारी और जिम्मेदार निकाय के जनप्रतिनिधि नही दे रहे ध्यान।
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 गंडई पंडरिया // नगर पंचायत के अधिकतर वार्डो में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है, लोगो को हर जगह अब शाम होते ही ताली बजाते देखा जा सकता है, ग्रामीण क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव नही होने के चलते स्थिति जस का तस बना हुआ है शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है इनसे संक्रामक रोगों को लेकर लोगों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि इन दिनों मलेरिया, वायरल फीवर ने भी पैर पसार रखा है। जैसे-जैसे गर्मी के तेवर और उमस बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है,। पहले तो शाम ढलने के बाद इनका हमला शुरू होता था अब तो दिन में भी इनके डंक से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इनकी रोकथाम की बातें वालपेंटिग, पोस्टर व इश्तेहारों में सिमट कर रह गई है जबकि हकीकत में बचाव के उपायों का कहीं नामोनिशान देखने को नहीं मिल रहा है।
घर हो या बाहर सड़क ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां मच्छरों का आतंक न हो गर्मी के दिनों में जहां अपच और डायरिया जैसे रोग पनपते हैं वहीं मलेरिया और वायरल फीवर भी लोगों को सताता है। लोग इस बात को लेकर आशंकित हैं कि यदि मच्छरों का प्रकोप इसी तरह बढ़ता रहा तो संक्रामक रोग लोगों को अपनी चपेट में ले लेंगे जिससे स्थिति भयावह हो सकती है। अधिकांश लोग बुखार से पीड़ित हैं जिनमें बच्चे भी शामिल हैं,वार्डवासियों ने डीडीटी का छिड़काव कराए जाने की मांग की है। लोगो का कहना है कि बहुत पहले विभाग द्वारा डीडीटी लारवाहीट लिक्विड और फागिंग मशीन से छिड़काव कराया जाता था जिससे मच्छरों का प्रकोप कम हो जाता था, नए मच्छरों की उत्पत्ति नही होती थी लेकिन अब इसका छिड़काव नहीं किया जा रहा है जिससे मच्छरों की संख्या में तेजी से वृद्घि हो रही है।
मच्छर मारने माह में 100 से 300 रुपये तक खर्च
लोग मच्छर मारने के लिए हर माह एक परिवार 100 से 300 रुपये तक खर्च करता है गुड नाइट और मच्छर मारने वाले क्वाइल स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक माना जाता है, इससे लोग श्वास सहित कई रोगों के शिकार हो रहे हैं मच्छरों से होने वाली बीमारियों से प्रत्येक वर्ष लोगों की मौत होती है। मलेरिया डेंगू सहित अन्य बीमारियों से बचने के लिए लोग मास्किटो किलर का उपयोग करते हैं। ग्रामीण अंचलों में मच्छरों का आतंक बना हुआ है शाम होते ही घरों में मच्छरों की भरमार हो जाती है रात के समय लोगों को अधिक दिक्कत होती है खासकर छोटे बच्चें अधिक परेशान होते हैं। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव नहीं किया गया है गर्मी के दिनों में शाम होते ही मच्छर गांवों में बहुत ज्यादा पनप रहे है अब बारिश का मौसम भी चल रहा है बरसात के चलते गंदगी में और भी ज्यादा मच्छर पनपने की आशंका जताई जा रही है।
नालियों की नही होती नियमित सफाई
नगर पंचायत के स्वास्थ्य विभाग नाली, नालों में व पानी एकत्रित हुए जगह पर दवा का छिड़काव कर दे। साफ सफाई नियमित रूप से नहीं हो रही है। नालों का स्लैब खुले होने के कारण मच्छर पनप रहे हैं इससे डेंगू, मलेरिया होने का खतरा बढ़ गया है शाम होते ही घरों में मच्छर प्रवेश कर जाते हैं रात में मच्छर काटने के कारण लोगों का बुरा हाल हैं। स्वास्थ्य विभाग मच्छरों के आगे नतमस्तक हो गये है। विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। मच्छरों को मारने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है लेकिन वह पता नहीं किस विभाग के भरोसे बैठे है स्वास्थ्य विभाग सिर्फ कागज पर फाग मशीन व ब्लीचिंग पाउडर से मच्छरों को मार रहा है।
हुलास साहू सफाई शाखा नगर पंचायत गंडई का कहना है की नगर के अधिकतर वार्डो में लार्वाहीट लिक्विड का छिड़काव कराया गया है, रोजाना बरसात होने के कारण कुछ वार्डो में छिड़काव का काम बचा हुआ है, निकाय का फागिंग मशीन खराब पड़ी हुई है।
गिरीश साहू सी एम ओ गंडई से इस मामले में सेलफोन से संपर्क किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
बस स्टैंड में स्थित पंच रत्न शीतल पेयजल के पास पसरी गंदगी